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ब्यावरवासी प्रतिदिन करते है 11 टन पॉलीथिन का उपयोग

पॉलीथिन के उपयोग पर रोक के बावजूद प्रतिदिन एकत्र हो रहा करीब 11 टन पॉलीथिन का कचरा, शहर के सभी जगह से एकत्र नहीं हो पा रही पॉलीथिन, मटेरियल रिकवरी फेसेलिटी सेंटर (एमआरएफ यूनिट) में पॉलिथिन के गटर बनाने का काम शुरु, नगर परिषद प्रतिदिन कर रही साठ टन कचरा संग्रहित

ब्यावरJan 15, 2021 / 10:27 pm

Bhagwat

ब्यावरवासी प्रतिदिन करते है 11 टन पॉलीथिन का उपयोग

ब्यावरवासी प्रतिदिन करते है 11 टन पॉलीथिन का उपयोग

ब्यावर. शहर में पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद शहर में प्रतिदिन करीब 11 टन पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। पॉलीथिन स्वास्थ्य, मवेशियों एवं पर्यावरण के लिए संकट बना है। इसके बावजूद लोगों का पॉलीथिन के उपयोग से मोह नहीं छूट पा रहा है। हर तरफ पॉलीथिन का ढेर एवं उड़ती पॉलीथिन ने शहर की सुंदरता को बदरंग कर दिया है। नगर परिषद की ओर से प्रतिदिन करीब साठ टन कचरे को संग्रहित किया जाता है। इसमें से करीब 11 टन पॉलीथिन का कचरा संग्रहित होता है। अब इस पॉलीथिन के गटर तैयार किए जा रहे है। जिन्हें बाद में नगर परिषद बेचेगी।शहर के साठ वाडऱ्ो से डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। इसके तहत प्रतिदिन अलग-अलग वार्डो से साठ टन कचरे का संग्रहण होता है। इनको डम्पिंग यार्ड में डाला जाता है। इनमें गीला कचरा भी शामिल है। इसके लिए शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में कचरा डिपो बना रखे है। यहां पर भी कचरे का संग्रहण किया जा रहा है। नगर परिषद की ओर से लगाई गई एमआरएफ यूनिट में उपयोग वाले कचरे को नगर परिषद लाया जाता है। शेष कचरे को डंपिग यार्ड में डाल दिया जाता है। क्षमता से अधिक कचरा हो रहा संग्रहितनगर परिषद की ओर से मटेरियल रिकवरी फेसेलिटी सेंटर (एमआरएफ यूनिट) की स्थापना की जा चुकी है। इस यूनिट की प्रतिदिन चार टन कचरे का निस्तारण करने की क्षमता ही है। जबकि शहर से प्रतिदिन साठ टन कचरा संग्रहित हो रहा है। ऐसे में क्षमता से अधिक कचरे को बाडी घाटी के पास ट्रेचिग ग्राउड में डाला जा रहा है। जहां पर उनका बाद में निस्तारण किया जाएगा। बन रहा मवेशियों के लिए जानलेवाडोर टू डोर कचरा संग्रहण के दौरान गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग संग्रहित करने की व्यवस्था है। इसके बावजूद लोग सूखा, गीला एवं पॉलीथिन के कचरे को एक साथ ही डाल देते है। इस पॉलीथिन में खाद्य सामग्री लगी होने से उसके स्वाद के लालच में मवेशी पॉलीथिन निगल जाते है। जो उनके लिए बाद में वों उनके लिए जानलेवा बन जाती है।
आंकड़ों पर एक नजर
प्रतिदिन कचरा संग्रहण 60 टन
पॉलीथिन संग्रहित 11 टन
निस्तारण की क्षमता 04 टन
प्रतिदिन बनेगा खाद 250 किलो

इनका कहना है…
शहर से प्रतिदिन करीब साठ टन कचरा संग्रहित किया जा रहा है। इसमें से करीब 11 टन कचरा पॉलीथिन का होता है। इसको संग्रहित कर गटर बनाए जा रहे है। लोगों स्वास्थ्य, सुंदरता एवं पर्यावरण का ध्यान रखते हुए पॉलीथिन का उपयोग नहीं करे।
-चिराग गोयल, सहायक अभियंता, नगर परिषद

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