इसने फिर घोंट दिया इसका गला
वापस पैर पसारने लगी जलकुंभी, आने लगे प्रवासी पांवणे
इसने फिर घोंट दिया इसका गला
नगर परिषद ने जेसीबी से जुगाड़ बना निकाली थी जलकुंभी, वापस पैर पसारने लगी जलकुंभी, विदेशी मेहमान आना शुरु, डाला डेरा
ब्यावर. बिचड़ली तालाब में जलकुंभी का जाल वापस फैलने लगा है। पूर्व नगर परिषद ने डिवडिंग मशीन मंगवाकर जलकुंभी निकालने का जतन किया। करीब एक पखवाड़ा तक डिविडिंग मशीन से जलकुंभी निकालने का प्रयास किया। सफलता नहीं मिली। आखिर में परिषद ने भामाशाह के सहयोग से जेसीबी के विशेष प्रकार हुड बनाकर जलकुंभी निकाली। इसमें सफलता भी मिली। एक बार जलकुंभी तालाब से साफ हो गई। किनारे पर बची कुछ जलकुंभी ने वापस बिचड़ली तालाब में पैर पसारना शुरु कर दिया। जलकुंभी का बढ़ता जाल नगर परिषद के लिए परेशानीदायक हो सकता है। परिषद प्रशासन ने बिचड़ली तालाब से जलकुंभी निकालने के लिए नगर निगम अजमेर से डिविडिंग मशीन मंगवाई। इस मशीन ने करीब पन्द्रह दिन तक जलकुंभी निकाली। इसके लिए नगर परिषद ने लाखों रुपए नगर निगम अजमेर को अदा किए। जलकुंभी के सामने डिविंडिग मशीन के सांसे फूलने लगी। आखिरी में परिषद प्रशासन ने इस कार्ययोजना को हटाकर भामाशाह के सहयोग से जेसीबी के जरिए जलकुंभी निकालना शुरु किया। इससे सफलता भी मिली। इससे निकली जलकुंभी को पाल में दबाकर उसका विस्तारीकरण भी किया गया। एक बार फिर जलकुंभी ने बिचड़ली में पैर पसारना शुरु कर दिया है।
चौपाटी विकसित करने की हैयोजना
नगर परिषद प्रशासन ने बिचड़ली तालाब की पाल का विस्तारीकरण का काम किया है। इस पाल पर तालाब की ओर बेरिकेटिग लगा दी गई है। अब यहां पर चौपाटी विकसित किए जाने की कार्ययोजना है। ताकि शहरवासी घूमने आए तो चौपाटी की सुविधा भी मिल सके। इससे सड़क पर होने वाली बेतरतीब पार्किग से भी निजात मिलेगी।
डिविडिंग मशीन हो गई थी फेल
नगर परिषद प्रशासन बिचड़ली तालाब को जलकुंभी से मुक्त करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर डिविडिंग मशीन मंगवाई गई। यह मशीन भी फेल हो गई। परिषद प्रशासन ने भामाशाह के सहयोग से जलकुंभी तो निकाल दी लेकिन अब वापस जलकुंभी पैर पसारने लगी है।
…विदेशी पक्षी आना हुए शुरु
बिचड़ली तालाब में पक्षी आना शुरु हो गए है। इनमें कुछ प्रवासी व कुछ स्थानीय पक्षी शामिल है। अब तक कुछ पक्षी आए लेकिन इसमें सात समंदर पार कर आने वाले लेमिंगा सहित अन्य शामिल नहीं है। इस बार बिचड़ली तालाब की सफाई होने से प्रवासी पक्षियों को समुचित भोजन व आवास की सुविधा मिलने से इनके अधिकं संया में आने की उमीद है।
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