लेपर्ड प्रोजेक्ट तैयार, बजट का इंतजार
ब्यावर. आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में पैंथर के मूवमेंटको देखते हुए वन विभाग ने वन्य जीवों को बेहतर संरक्षण व सुविधा के लिए वन क्षेत्र संरक्षित करने के लिए लेपर्ड प्रोजेक्ट तैयार किया है।इसका प्रस्ताव तैयार कर मुयालय भी ोज दिया है लेकिन इसकी क्रियान्विति व बजट का का इंतजार है। इसके तहत बनाए जाने वाले रेस्क्यू सेन्टर के लिए जगह भी चिह्नित कर ली गई है। अप्रेल माह में इसके लिए बजटमिलने के आसार है।
वन विभाग ने ब्यावर क्षेत्र में वन्य जीवों के मूवमेंट को देखते हुए यहां पर लेपर्ड प्रोजेक्ट का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत जवाजा, सेलीबेरी, मसूदा, हरराजपुरा सहित सैंकड़ो किलोमीटर का वन्य क्षेत्र संरक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही वन विभाग की वन विभाग की ओर से नसीराबाद क्षेत्र के भी कई इलाकों को प्रोजेक्ट लेपर्ड में शामिल करने का निर्णय लिया है। जिससे इन क्षेत्र में मौजूद वन्य जीवों को भी उचित संरक्षण मिल सके। विभाग की ओर से प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न योजनाएं बनाई है, जिसमें ब्यावर वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवो में निवास कर रहे ग्रामीणों को इस प्रोजेक्ट से जोडऩे की योजना, छोटे-छोटे गावों व ढाणियों में रहने वाले लोगों के साथ समंवय स्थापित करने व क्षेत्र में घायल व पकड़े गए वन्य जीवों के बेहतर ईलाज के लिए उन्हे जयपुर या अजमेर भेजने के बजाय ब्यावर में एक रेस्क्यू सेंटर बनाने की योजना है। लेपर्ड प्रोजेक्ट के लिए अप्रेल में बजट मिलने के आसार है। इससे वन क्षेत्र के चारों ओर चारदीवारी, जलाशयों का निर्माण, पौधरोपण सहित अन्य कार्य किए जाएंगे ताकि वन्य जीवों को बेहतर सुविधा मिल सके। साथ ही एक टास्क फोर्स का गठन करने की योजना है जिसमें विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत ट्रेक्यूलाइजर गन भी मुहैया कराना शामिल है। मुय वन संरक्षक आर. के. सिंह, उप वन संरक्षक अजय चितौड़ा, प्रशिक्षु आईएफएस रवि मीणा सहित अन्य अधिकारी भी क्षेत्र का दौरा कर चुके है। अधिकारियों का भी मानना है कि अगर ऐसा होता है तो वन्य जीवों की सुरक्षा होगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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