हादसे के बाद भी नहीं चेते, कर रहे ऐसा काम
रसद विभाग की अनदेखी, व्यवसायिक उपयोग पर भी नहीं होती प्रभावी कार्रवाई
हादसे के बाद भी नहीं चेते, कर रहे ऐसा काम
ब्यावर. शहर में बीते दिनों हुए हादसों के बाद भी शहरवासी सबक नहीं ले रहे। कहीं पर सीधे रुप से घरेलु गैस सिलेंडर का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है तो कहीं पर रिफलिंग कर इसका उपयोग किया जा रहा है। चाय की थडिय़ों व रेस्टोरेंट-होटलों में बेरोक टोक उपयोग हो रहा है लेकिन रसद विभाग की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही। घरेलु गैस सिलेंडर की कीमत करीब सात सौ रुपए है और इसमें सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी भी शामिल है। वहीं व्यवसायिक गैस सिलेंडर की दर करीब तेरह सौ रुपए है, जिसमें कोई सब्सिडी नहीं है। घरेलु गैस सिलेंडर चौदह किलो है और व्यसायिक सिलेंडर उन्नीस किलो का। घरेलु गैस सिलेंडर के करीब सौ रुपए ज्यादा देकर थड़ी व रेस्टोरेंट मालिक जुगाड़ कर रहे है। ऐसे में सरकार को राजस्व हानि के साथ गैस का दुरुपयोग भी किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि रसद विभाग कार्रवाई नहीं करता लेकिन यह कार्रवाई केवल खानापूर्ति तक ही सीमित रहती है। साथ ही विभाग की ओर से नियमित कार्रवाई नहीं की जाती। गौरतलब है कि गत वर्ष रसोई गैस सिलेंडर की हो रहा अवैध रिफलिंग के दौरान नन्द नगर में हादसा हुआ और इक्कीस लोगों की मौत हुई।
Home / Beawar / हादसे के बाद भी नहीं चेते, कर रहे ऐसा काम