वहीं निर्दलियों की मजबूती के चलते एेसे प्रत्याशियों के सम्पर्क में है। कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों को दलों के अन्य प्रत्याशियों के साथ सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। दोनों ही दलों के टक्कर नजदीक होने पर भीतरघात होने की आशंका सता रही है। कांग्रेस ने करीब ३८ प्रत्याशियों को सुरक्षित स्थानों पर भिजवा दिया है। इसी प्रकार भाजपा ने भी प्रत्याशियों को एकत्र करना शुरू कर दिया है।
दोनों ही दल गुटों में बंटे भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल आपसी गुटों में उलझे हुए है। गुटबाजी के चलते हर गुट का सभापति का अलग प्रत्याशी है। एेसे में सबकी नजरें सभापति पद के संभावित प्रत्याशी की जीत पर टिकी है। हर गुट इस आशा में बैठा है कि अन्य गुट का संभावित प्रत्याशी हार जाए। यहीं कारण है कि दोनों ही दलों के चर्चित प्रत्याशी पर सबकी नजरें हैं।
परिणाम के बाद बनेंगे समीकरण पार्षदों के परिणाम आने के बाद ही सही समीकरण सामने आएंगे। दोनों ही दल के प्रत्याशी अपनी-अपनी हार जीत को लेकर आकलन करने में जुटे हैं। जिन वार्डों में कांटे मुकाबला है, उन वार्डों पर सबकी नजरें टिकी हैं। सभापति पद के प्रत्याशी सामने आने के बाद उठापटक तेज होगी। गत चुनाव में भी सभापति के लिए खासी उठापटक चली थी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पारसमल जैन ने कहा कि करीब पैतीस पार्षद कांग्रेस के जीतेंगे और बोर्ड बनाएंगे। रही बात निर्दलीयों की तो विकास के लिए जो समर्थन करेगा, उसका साथ लेंगे। सभी उम्मीदवारों से सम्पर्क में हैं।
वहीं विधायक शंकर सिंह रावत ने कहा कि भाजपा बोर्ड बनाएगी और करीब पैतीस पार्षद भाजपा के जीतेंगे। सभी प्रत्याशियों से सम्पर्क किया जा रहा है। निर्दलीय की संख्या दस बारह हो सकती है। सभी उम्मीदवारों से सम्पर्क किया जा रहा है।