scriptसर्राफ ने खुद ही रच डाली लूट की कहानी, पुलिस ने किया ख़ुलासा | Sarraf has himself written the story of robbery | Patrika News
ब्यावर

सर्राफ ने खुद ही रच डाली लूट की कहानी, पुलिस ने किया ख़ुलासा

बैरवानगर के पास लूट की वारदात का मामला : पुलिस जांच में झूठा निकला मामला, दो माह से दुकान ही नहीं गया

ब्यावरApr 26, 2018 / 11:09 am

tarun kashyap

 लूट की वारदात का मामला

सर्राफ ने खुद ही रच डाली लूट की कहानी, पुलिस ने किया ख़ुलासा

ब्यावर. सदर थाना क्षेत्र के ग्राम बैरवानगर में मंगलवार को हुई लूट झूठी निकली। पुलिस जांच में सामने आया है कि सर्राफ ने खुद ही झूठ की कहानी रच डाली। प्रारिभक पड़ताल में सामने आया है कि ग्राहकों के जेवर नहीं देने की मंशा के चलते लूट की कहानी रच डाली। जबकि जिसस्थान पर वारदात होने की कहानी बताई गई। मौके पर कोई ऐसे निशान ही नहीं मिले। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है।
सदर थानाधिकारी सहदेव चौधरी ने बताया कि बिजयनगर रोड निवासी आनन्द सोनी ने बताया कि वों अपनी रतनपुरा घाटा स्थित सर्राफ की दुकान पर जा रहा था। इस दौरान बैरवानगर के पास दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए चार युवकों ने कांच की बोतल से हमला कर उसका बैग छीनकर भाग गए। जिसमें साढ़े तीन किलो चांदी व एक सौ तीन ग्राम सोने के जेवर एवं 36 हजार 6 00 रुपए नगद बताए गए। लूट की वारदात के बाद पुलिस ने आनन्द सोनी से पूछताछ की तो पता चला कि उसने एक फाइनेंस कपनी के यहां रखे सोने के जेवर एवं एक अन्य ज्वैलर्स के यहां से चांदी के जेवर लाना बताया। पुलिस इन दोनों ही स्थानों पर पहुंची। यहां पर पड़ताल में पता चला कि 29 जनवरी के बाद सर्राफ ने फाइनेंस के यहां से कोई लेन-देन ही नहीं किया। इसी प्रकार ज्वैलर व्यवसायी ने भी लूट के पीडि़त सर्राफ से किसी प्रकार का व्यापारिक लेन-देन होने से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस रतनपुरा घाटा पहुंचे। जहां पूछताछ में सामने आया कि सर्राफ तो पिछले दो माह से दुकान पर आ ही नहीं रहा है। दो माह से दुकान बंद पड़ी है। इसके अलावा पुलिस को मौके पर एक भी कांच का टूकड़ा नहीं मिला एवं न ही संघर्ष के निशान नहीं मिले। मोटरसाइकिल से मोपेड के टक्कर मारने की जानकारी दी। जबकि मोपेड के कोई स्क्रेच तक नहीं आ रखा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद सारे तथ्यों को देखकर कार्रवाई की जाएगी।
मोबाइल भी सुरक्षित
पुलिस को वारदात पर इसलिए भी शक हो गया कि वारदात के बाद लूट करने वाले मोबाइल छोड गए। जबकि सामान्यतया लूट करने वाले मोबाइल भी ले जाते है। इसके अलावा मोपेड में चाबी लगी हुई थी। इन सारे तथ्यों के आधार पर पुलिस को कहानी झूठी होने का संदेह हुआ। जांच के बाद पुलिस ने माना कि यह पूरी घटना ही गलत रची गइ है।
ऐसे उलझा अपने ही बुने झाल में
पुलिस पूछताछ में सर्राफ ने बताया कि उसके चश्मा टूटने से आरोपितों को देख नहीं सका। इसके अलावा राहगीरों ने 108 को सूचना दी। जबकि 108 एबूलेंस वालों से जानकारी ली तो रमेश नामक व्यक्ति ने इसकी सूचना दी। रमेश से जानकारी ली तो पता चला कि आनन्द सोनी ने ही उसको फोन कर घटना होने की जानकारी दी। इससे पुलिस को प्रारिभक जांच में मामला झूठा होने का शक हो गया।

Home / Beawar / सर्राफ ने खुद ही रच डाली लूट की कहानी, पुलिस ने किया ख़ुलासा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो