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ब्यावर

आखिर क्यों खाली है 5 दिन से सभापति का पद

सरकार करेगी निर्णय, मनोनयन का इंतजार

ब्यावरDec 31, 2018 / 03:18 pm

tarun kashyap

सरकार करेगी निर्णय, मनोनयन का इंतजार

सरकार करेगी निर्णय, मनोनयन का इंतजार


ब्यावर.
नगरपरिषद सभापति बबीता चौहान के रिश्वत मामले में पकड़े जाने के बाद सरकार के मनोनयन से पद संभाल रही भाजपा की शशि सोलंकी का समय पूरा हो गया और बीते पांच दिन से पद खाली है।कांग्रेस के सत्ता में आने से इस पद पर कांग्रेस की ही अन्य पार्षद के मनोनयन के आसार है।ओबीसी महिला में कांग्रेस की पार्षद निशा डागरा, कमला दगदी, कमला रावत, लीला प्रजापत, मेमूना बानो भी ओबीसी से है। लेकिन सभापति पद पर किसका मनोनयन होगा, इसका निर्णय सरकार को करना है और शहरवासियों को मनोनयन का इंतजार है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने 28 अगस्त को पहली बार आदेश जारी कर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 50(1) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शशि बाला सोंलकी को ब्यावर नगरपरिषद की सभापति का कार्यभार ग्रहण करने के लिए 60 दिवस या सभापति के कार्यभार ग्रहण करने तक जो भी पहले हो अधीकृत किया गया। यह अवधि 27 अक्टूबर को पूरी हो गई। इसके बाद साठ दिन के लिए फिर मनोनयन बढ़ा दिया गया।अब यह मनोनयन 26 दिसम्बर को पूरा हो गया।तब से पद खाली चल रहा है। गौरतलब है कि गत 8अगस्त को सभापति बबीता चौहान, उनके पति नरेन्द्र चौहान व रिश्तेदार शिवप्रसाद को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर की टीम ने सवा दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया। यह रकम शिकायतकर्ता डॉ. राजीव जैन से सभापति के घर पर ली गई। रिश्वत चिकित्सक के सांखला कॉलोनी के भूखंड रूपान्तरण की एवज में ली थी। कार्रवाई के दौरान घर से जब्त किए गए दस्तावेज से 78 लाख की एक दुकान लेने का एक अन्य मामला भी प्रकाश में आया। जो पार्षद गुरुबचनसिंह के काम्प्लेक्स निर्माण से जुड़ा था। दोनों मामलों में तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।फिलहाल तीनों जमानत पर रिहा है।

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