स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने आदेश जारी कर कमला दगदी को ब्यावर नगरपरिषद की सभापति का कार्यभार ग्रहण करने के लिए 60 दिवस या सभापति के कार्यभार ग्रहण करने तक जो भी पहले हो अधीकृत किया गया। गौरतलब है कि गत 8 अगस्त को सभापति बबीता चौहान को उनके पति नरेन्द्र चौहान व रिश्तेदार शिवप्रसाद सहित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर की टीम ने सवा दो लाख रुपए की रिश्वत मामले में पकड़ा। इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग की ओर से दो बार पार्षद शशि सोंलकी का मनोनयन किया।इसके बाद राज्य में कांग्रेस सरकार बन गई।सोलंकी के मनोनयन की अवधि पूर्ण होने पर अब स्वायत्त शासन विभाग ने कमला दगदी का मनोनयन किया है।
पांच बार बन चुकी है पार्षद
कमला दगदी पांचवी बार नगरपरिषद की पार्षद बनी है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन होने के बाद नगरपरिषद में कांग्रेस का बहुमत नहीं होने के बावजूद दगदी का मनोनयन हुआ।दगदी इस पांच साल के कार्यकाल में तीसरी सभापति है। इससे पहले बबीता चौहान व शशि सोलंकी सभापति रह चुकी है।
कमला दगदी पांचवी बार नगरपरिषद की पार्षद बनी है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन होने के बाद नगरपरिषद में कांग्रेस का बहुमत नहीं होने के बावजूद दगदी का मनोनयन हुआ।दगदी इस पांच साल के कार्यकाल में तीसरी सभापति है। इससे पहले बबीता चौहान व शशि सोलंकी सभापति रह चुकी है।
आसान नहीं होगा बहुमत
नगर परिषद चुनाव में भाजपा के 21 , कांग्रेस के 11 व 13 निर्दलीय चुनाव जीत कर आए।इसमें से कांग्रेस में दलपतराज मेवाड़ा, लीलादेवी, सपतदेवी, मोहनसिंह शामिल हो गए।ऐसे में कांग्रेस के पन्द्रह हो गए। बहुमत के लिए 23 चाहिए और वर्तमान में कांग्रेस के पन्द्रह हो रहे है। ऐसे में शेष बचे नौ निर्दलीय ही बहुमत साबित करने के लिए एकमात्रसहारा है। जानकारों का मानना है कि राज्य में कांग्रेस की सत्ता है और ऐसे में शेष निर्दलीयों का सहयोग मिलने से बहुमत कांग्रेस को मिल सकता है, लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि किसका समर्थन मिला और किसका नहीं।ऐसे में बहुमत हासिल करना भी आसान नहीं होगा।
नगर परिषद चुनाव में भाजपा के 21 , कांग्रेस के 11 व 13 निर्दलीय चुनाव जीत कर आए।इसमें से कांग्रेस में दलपतराज मेवाड़ा, लीलादेवी, सपतदेवी, मोहनसिंह शामिल हो गए।ऐसे में कांग्रेस के पन्द्रह हो गए। बहुमत के लिए 23 चाहिए और वर्तमान में कांग्रेस के पन्द्रह हो रहे है। ऐसे में शेष बचे नौ निर्दलीय ही बहुमत साबित करने के लिए एकमात्रसहारा है। जानकारों का मानना है कि राज्य में कांग्रेस की सत्ता है और ऐसे में शेष निर्दलीयों का सहयोग मिलने से बहुमत कांग्रेस को मिल सकता है, लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि किसका समर्थन मिला और किसका नहीं।ऐसे में बहुमत हासिल करना भी आसान नहीं होगा।