पुलिस के हाथ अब तक खाली क्यों
तरूण कश्यप
ब्यावर नगरी शर्मसार है। लोगों के सिर झुके हैं। आंखें गुस्से से लाल हैं। मन में उन दरिंदों के प्रति क्रोध की ज्वाला धधक रही है जो मासूम के साथ दुष्कृत्य कर फरार हो गए। इसी के साथ मलाल भी है। इस बात का कि जिन पर हमारी सुरक्षा का जिम्मा है क्या वो हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
दिल और दिमाग को झकझोर देने वाली इस घटना को बीते चार दिन हो गए। आज तक पुलिस खाली हाथ है। जबकि सीसीटीवी फुटेज मुल्जिमों की पहचान साफ बता रहे हैं। खुद पुलिस के आला अधिकारी घटना की प्रारम्भिक जांच के बाद इसे कबूल चुके हैं। सवाल यह है कि इतना सुराग मिलने के बाद भी दरिंदे अब तक पुलिस के हाथ क्यों नहीं आ रहे। या तो पुलिस का मुखबिर तंत्र मजबूत नहीं है या फिर अपराधी इतने शातिर हैं कि इतनी संगीन वारदात अंजाम देने के बाद कहीं एेसी जगह जा छुपे हैं कि उन्हें ढूंढा नहीं जा पा रहा।
पुलिस की जांच अब तक किस नतीजे पर पहुंची है, इसका भी कोई खुलासा नहीं है। यह सब तब है जब प्रदेश थानागाजी प्रकरण की आंच से अब तक आहत है। वहां पुलिस प्रकरण का सोशल मीडिया पर खुलासा होने के बाद हरकत में आई थी। लेकिन ब्यावर के मामले में तो घटना के कुछ ही घंटों बाद पुलिस को अपराध का पता चल गया था।
पीडि़त बच्ची आज भी सहमी हुई है। उसका इलाज चल रहा है। रह-रह कर उठ रही उसकी सिसकियां पुलिस से सवाल कर रही हैं कि उसे न्याय कब मिलेगा।
दुष्कर्म के बाद फरार हुए दरिंदों की गिरफ्तारी में देरी से शहरवासियों में उबाल है। कई संगठन, पार्टी नेता, कार्यकर्ता इस मामले को लेकर अपने स्तर पर विरोध दर्ज करा रहे हैं। अव्वल तो यह घटना ही शर्मनाक है, दूजे पुलिस की अब तक की कार्रवाई से कोई नतीजा नहीं निकलना, अपने आप में काफी अफसोस जनक है।
पुलिस की गश्त रात को कितनी चाक चौबंद है, यह सब को पता है। अक्सर रात को शहर के चौराहे सूने नजर आते हैं। कभी कभार कोई पुलिसवाला नजर आ जाए तो बड़ी बात है। चौकियों के दरवाजे भी रात को बंद मिलते हैं। यदि पुलिस मुस्तैद होती तो हो सकता था यह घटना ही नहीं होती। मुल्जिम भी शायद पुलिस की इसी कमजोरी का फायदा उठाकर आराम से फरार हो गए।
थानागाजी प्रकरण के बाद सरकार इस तरह के अपराधों को लेकर पुलिस के लिए गाइड लाइन जारी कर चुकी है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक भी ब्यावर का दौराकर अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं। विभिन्न सामाजिक संगठन, पार्टी पदाधिकारी ज्ञापन, धरने व प्रदर्शन के जरिए रोष जाहिर कर रहे हैं। मुल्जिमों की जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर ब्यावर बंद की भी चेतावनी दी जा चुकी है।
इन तमाम हालात और घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को जांच मे तेजी लाकर उन दरिंदों को गिरफ्तार कर जेल के सीखचों के पीछे जल्द पहुंचाना चाहिए ताकि पीडि़त मासूम को न्याय मिल सके। पुलिस जागे, चेते और इन दरिंदों को तत्काल गिरफ्तार कर एेसी सजा दिलवाए ताकि भविष्य में कोई ऐ सा अपराध करने से पहले सोचे। तभी खाकी का इकबाल बुलंद रह सकेगा।
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