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बेमेतरा

जिला गठन के बाद यहां पहली बार भ्रष्टाचारी 4 लोक सेवक गए सलाखों के पीछे

भ्रष्टाचार निवारण अधिकरण ममता पटेल ने एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर द्वारा प्रस्तुत तीनों प्रकरणों में चार आरोपियों को कारावास के साथ अर्थ दंड दिया है।

बेमेतराSep 16, 2017 / 02:08 pm

Dakshi Sahu

crime
बेमेतरा. जिला गठन के बाद पहली बार भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ फैसला आया है। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिकरण ममता पटेल ने एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर द्वारा प्रस्तुत तीनों प्रकरणों में चार आरोपियों को कारावास के साथ अर्थ दंड दिया है। इसमें राजस्व विभाग से लेकर पुलिस और शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं, जिन्हें प्रार्थियों की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था।
पहले प्रकरण में आरोपी पटवारी विजय निर्मलकर ने प्रार्थी रामजी निषाद से ग्राम करमू स्थित 15 एकड़ काश्तकारी भूमि का खाता विभाजन उपरांत पृथक-पृथक ऋण पुस्तिका बनाने के एवज में 2000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 30,000 रुपए की मांग कर 10,000 और 5000 रुपए विभिन्न तिथियों में प्राप्त किया गया था। उक्त शिकायत पर एसीबी रायपुर द्वारा आरोपी को टेप कर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था।
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिकरण बेमेतरा ममता पटेल द्वारा प्रकरण पर फैसला देते हुए अभियुक्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 एवं 13-1-डी सहपठित धारा 13-2 के तहत दोषसिद्ध कर पटवारी विजय निर्मलकर को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अर्थदण्ड अदायगी में व्यतिक्रम किए जाने पर तीन-तीन माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगताए जाने आदेशित किया गया है। दोनों कारावास की सजाओं को साथ-साथ जारी रखने का आदेश दिया गया है।
दूसरे प्रकरण में शासकीय कर्मी आनंदसिंह ठाकुर के खिलाफ प्रार्थी डॉ. दुष्यंत खोसला से 25,000 रुपए की मांग कर कुल 7000 रुपए विभिन्न तिथियों में मरीज के रिश्तेदार द्वारा गंभीर शिकायत करने एवं उक्त शिकायत खत्म करने के एवज में प्राप्त किया गया था। उक्त अपराध में आरोपी को टेप कर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था। अभियोजन की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया गया।
मामले में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टा.निवा.अधि.) ममता पटेल ने निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13-1-डी सहपठित धारा 13-2 के तहत दोषसिद्ध कर तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अर्थदण्ड अदायगी में व्यतिक्रम किए जाने पर तीन-तीन माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगताए जाने आदेशित किया गया है। तथा दोनों कारावास की सजाओं को साथ-साथ भुगताए जाने आदेशित किया गया है।
तीसरे प्रकरण में अनिल मारकण्डेय पिता सदाराम मारकणडेय तत्कालीन सहायक संचालक शिक्षा जिला बेमेतरा एवं प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी नवागढ़ एवं रमेश कुमार चौहान तत्कालीन लिपिक मूलपद शिक्षाकर्मी कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी नवागढ़ को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपए अर्थदंड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि अदा करने में व्यक्तिक्रम करने पर आरोपियों को तीन माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा। उपरोक्त सभी प्रकरणों में अभियोजन पक्ष छत्तीयगढ़ राज्य आरक्षी केंद्र एन्टी करेप्शन ब्यूरो रायपुर की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक सूरज मिश्रा ने पैरवी की।

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