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बेमेतरा : जिले में चल रहे सैकड़ों अवैध ईंट भट्ठे पर दो महीने में मात्र 15 पर हुई कार्रवाई

ईंट भट्ठा संचालक अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके पानी, मिट्टी व लकडिय़ों का कर रहे दोहन

बेमेतराDec 31, 2017 / 12:09 am

Satya Narayan Shukla

illegal brick kilns
बेमेतरा . जिले में सैकड़ों ईंटभट्ठा होने के बाद भी दो महीने में खनिज विभाग ने केवल 15 पर ही कार्रवाई की है। विभाग का दावा है कि जिले में किसी को भी लाल ईंट के लिए भट्ठा लगाने की अनुमति नहीं दी गई है, पर पूरे जिले में जिस तरह से ईंटों का निर्माण किया जा रहा है। उससे विभाग के द्वारा देखने के बाद भी आंख मूंद लेने की बात सच साबित हो रहा है। जानकार बताते हंै कि जहां पर ईंट बनाने के कारोबार के अलावा भूजल का दोहन करने, कोयला, चारकोल से प्रकृति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिला खनिज अधिकारी मिनाक्षी साहू के अनुसार जिले में केवल चिमनी भट्ठे वालों को ही ईंट बनाने की अनुमति दी गई है।

विभागीय अनुमति के बिना चल रहे ईंट भट्ठे
गांव-गांव में तालाबों व छोटे नालों के आसपास के क्षेत्रों में सौ से ज्यादा ईंट भट्ठा का कारोबार बिना किसी विभागीय अनुमति के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हुए बेधड़क संचालित हो रहे हैं। संचालित ईंट भ_ों में पेड़ों की बलि देकर लकडिय़ा खपाई जा रही हैं। खिसोरा, बचेड़ी, नयापारा, खम्हरिया, झाल समेत कई गांवों में ईंटों का अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। अधिकारियों से मिलीभगत कर अवैध ईंट भ_ों का कारोबार बेखौफ चल रहा है। लोग अपनी मर्जी से मुख्य सड़क के किनारे व अंदरुनी इलाकों में ईंट बनाकर बेच रहे हैं।

पेंड़ों को काटने से भी परहेज नहीं
अवैध ईंट भट्ठों में ईंटों को पकाने के लिए अंचल के खेतों के पेंड़ों को काटने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। ईंट भट्ठा लगाने के लिए पहले पर्यावरण विभाग से अनुमति लेकर खनिज विभाग में आवेदन देना होता है। अनुमति मिलने के बाद बताए गए स्थान पर ईंट भट्ठा लगाया जाता है पर इस तरह की प्रक्रिया को पूरा किए बगैर कई ईंट भट्ठे संचालित हैं। मानवाधिकार मामले के जानकार संजू जैन ने बताया कि ईंट भट्ठे में भूमिगत जल का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। जिम्मेदारों को इस दिशा में सोंचकर कार्रवाई करना चाहिए।
प्रशासन को हो रहा लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान
खनिज विभाग की उदासीनता के कारण जिले में प्राकृतिक संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। जानकार बताते है कि जिले में साल दर साल अवैध ईंट भट्ठों में बढ़ोत्तरी हो रही हैं। इससे प्रशासन को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। ऐसा नहीं है कि खनिज एवं पर्यावरण विभाग को इस बात की जानकारी नहीं हैं, पर सब कुछ जानने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी खनिज माफियाओं पर नकेल कसने की बजाय खनिज माफियाओं को सरक्षण देने का काम कर रहे हैं।

दो महीने में 15 कार्रवाई से पता चलती है सक्रियता
जिले में 1 नवंबर से लेकर अब तक मात्र 15 कार्रवाई की गई है। जिसमें 10 प्रकरणों में एक लाख 28 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। बाकी प्रकरण न्यायलय में हैं। कार्रवाई ग्राम मोहभटठा, कोबिया, बेमेतरा, बीजाभाट, बारगांव, कुम्ही, बारगांव, नवागांव, तेंदूभाठा, उमराव नगर, गुनरबोड़, ढोलिया में किया गया। बहरहाल जिला मुख्यालय के आसपास ही विभाग द्वारा कार्रवाई की गई। इसके आलावा दीगर क्षेत्र में कार्रवाई से हाथ खींच लिया गया है। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू ने कहा कि हमारे द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। नदी-नाले के आसपास आज तक ईंट भट्ठा नहीं दिखा है। अगर नजर आया तो कार्रवाई करेंगे।

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