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बेमेतरा

आखिर भूपेश ने क्यों कहा छत्तीसगढ़ में महिलाओं का सम्मान और गायों की जान सलामत नहीं

कांग्रेस से जन आक्रोश रैली में प्रदेशभर के करीबन 4000 कार्यकर्ता मौजूद रहे।

बेमेतराAug 29, 2017 / 10:09 am

Dakshi Sahu

cow

Congress worker at Jan Aakrosh Rally in Bemetara

बेमेतरा. गौशालाओं में सैकड़ों गायों की अकाल मौत, बारगांव में महिला से दुष्कर्म और कांग्रेस पदाधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करने सहित अन्य मुद्दों पर प्रदेश सरकार के खिलाफ बेमेतरा में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सोमवार को आयोजित जन आक्रोश रैली केवल धरना – सभा में ही तब्दील होकर रह गई। बारिश की वजह से रैली का आयोजन नहीं किया जा सका। कार्यक्रम में प्रदेशभर से करीबन चार हजार कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पुराना बस स्टैंड में हुई सभा 
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जिला मुख्यालय के पुराना बस स्टैंड में सुबह से ही कांग्रेस के स्थानीय के साथ दीगर जिलों से आने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होने लगा था। धीरे-धीरे दोपहर तक बेमेतरा के अलावा बालोद, मुंगेली, कवर्धा, भाटापार, बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ दुर्ग सांसद ताम्रध्वज साहू, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे, चरण दास महंत, सत्यनारायण शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेता धरना स्थल तक पहुंचे।
सबसे अंत में पहुंचे बघेल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल धरना स्थल पर पौने दो बजे पहुंचे, जिसके बाद उद्बोधन का क्रम शुरू हुआ। सबसे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस उददेश्य को लेकर राज्य की परिकल्पना की गई थी, आज उसके विपरित परिस्थितियां हैं। गायों की निर्मम हत्या हो रही है, महिलाएं असुरक्षित हैं। बारगांव कांड में धरना देकर जा चुके कांग्रेसियों पर मामला दर्ज किया गया है। आज केवल कमीशन का खेल चल रहा है। राज्य में अराजकता फैल चुकी है।
आंदोलन का अंत नहीं बल्कि शुरुआत
भूपेश बघेल ने कहा कि आक्रोश का माहौल है। प्रदेश में आज महिलाओं की इज्जत और गायों की जान सुरक्षित नहीं है। हालत इतने खराब हो चुके हैं कि बेरला थाने में महिला को एक लाख देने की पेशकश की गई थी। महिलाओं के सम्मान को बचाने के लिए सामने आने वालों पर ही प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आज का आंदोलन अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। इसके बाद रायपुर में भी प्रदर्शन किया जाएगा। गांव-गांव में आक्रोश रैली निकाली जाएगी।
कांग्रेसियों को षडयंत्र कर फंसाया गया
सांसद ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कांग्रेसियों को षडयंत्र कर फंसाया गया है। जिस वक्त वारदात हुई, उस वक्त भाजपा विधायक के चार लोग का नाम सामने आया था, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई। आखिर में पीछे से शराब बंटवाया गया। किसके द्वारा बंटवाया गया, इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने बेरला में षडयंत्र कर उत्पात मचाने के मामले में पुलिस को दूर कर न्यायिक जांच करने की मांग की।
कमीशनखोरी का चल रहा खेल
पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरण दास मंहत ने ठेठ छत्तीसगढ़ी भाषा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य शासन का पूरा अमला कमीशन खाने में जुटा हुआ है। गायों के खुराक के लिए जारी किए जाने वाले 25 रुपए में भी कमीशनखोरी हुई है, जिसके कारण भूख-प्यास से गायों की मौत हुई है। प्रभारी कमलेश्वर पटेल ने कहा कि देश भर में जिले की गौशालाओं में हो रही गायों की मौत को लेकर चर्चा हो रही है, जिसके लिए भाजपा के नेता जिम्मेदार हैं।
सभा में ये नेता रहे मौजूद
सभा को मोहम्मद अकबर, सत्यनारायण शुक्ला, धनेंद्र साहू, कवासी लखमा व अन्य ने संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान गोरेलाल बर्मन, दिलीप लहरिया , प्रमोद दुबे, भैयालाल, डेरहु प्रसाद, भजन सिंह निरंकारी, दीपक दुबे, अमितेष श्ुाक्ला, टीआर जर्नादन, सुरेन्द्र तिवारी, शिशिर दुबे, वाहिद रवानी, शक्तिधर दीवान, आरिफ बाठिया, किरण वर्मा, गौरी लाल शर्मा सहित हजारों कांग्रेसी मौजूद रहे।
न्यायिक जांच की मांग
धरना के बाद एसडीएम देवांगन को राज्यपाल और कलक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने, जिले की गौशालाओं में गायों की हत्या रोकने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने, निर्दोष कांग्रेसियों व ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज फर्जी प्रकरणों की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई।
बारिश के दौरान भी डटे रहे कांग्रेसी
बारिश की वजह से कांग्रेसियों की कांग्रेस भवन से धरना स्थल कर निकाली जाने वाली रैली भले ही न हो पाई हो, लेकिन धरना स्थल पर बरसात के बाद भी कांग्रेस जमे रहे। सभा के दौरान तीन बार बारिश हुई, जिससे सभा कुछ क्षणों के लिए प्रभावित हुई, जिसके बाद फिर पूरे उत्साह के साथ संबोधन का क्रम जारी रहा।

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