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बेमेतरा

मरने से पहले किसान ने लिखा, महोदय, मैं पारिवारिक कारण से नहीं, कर्ज के बोझ से कर रहा हूं आत्महत्या

मैं एक साल से कर्ज से बहुत परेशान था और अभी 8.12.2017 को जेवरा बैंक का कर्ज पटाना था, लेकिन मैं कर्ज पटाने में असमर्थ हो गया।

बेमेतराDec 10, 2017 / 12:28 pm

Dakshi Sahu

patrika
बेमेतरा. महोदय जी, मैं रामाधार साहू पिता फिरंताराम साहू ग्राम कठिया पोस्ट रांका, थाना बेमेतरा, तहसील बेरला, जिला बेमेतरा (छत्तीसगढ़) का निवासी हूं। जो कि मैं एक साल से कर्ज से बहुत परेशान था और अभी 8.12.2017 को जेवरा बैंक का कर्ज पटाना था, लेकिन मैं कर्ज पटाने में असमर्थ हो गया। क्योंकि इस साल अकाल के नाम से कर्ज अदा नहीं कर पाया। बैंक मैनेजर ने मुझे नोटिस थमा दिया था और चार-पांच लोगों का और कर्ज लग रहा हूं। इसलिए महोदय जी मैं कर्ज के नाम से बहुत परेशान था और मुझे परिवार में कोई टेंशन नहीं था।
महोदय जी मैं इसी परेशानी को मैं सहन नहीं कर पाया और मैं खुद आत्महत्या कर रहा हूं। मैं सदैव कृषि का कार्य करता था। जमीन बेंचकर कर्ज चुकाना चाहता था पर कर्ज की वजह से मुझे शासन से जमीन बेचने की अनुमति नहीं मिला। तो मैं कहां से कर्ज पटा सकता था। इसलिए महोदय जी मुझे प्राण त्यागना पड़ा। उक्त बातें 8 लाख रुपए से अधिक के कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या करने वाले ग्राम कठिया के किसान रामाधार साहू (55) ने अपने सुसाइडल नोट में लिखा है।
किसान की मौत ने जिले में अकाल की भयावहता को एक बार फिर उजागर किया है। सुसाइडल नोट से पता चल रहा है कि किसान सालभर से परेशान था और कर्ज चुकाने के लिए उसने जमीन बेचने के लिए शासन से अनुमति लेने का प्रयास किया लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने लापरवाही पूर्वक किसान की समस्या पर ध्यान न देते हुए किसान के आवेदन को खारिज कर दिया और जमीन बेचने की अनुमति नहीं दी। लेनदारों के बार-बार के तकादे और बैंक के नोटिस से परेशान किसान आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर हो गया।
ज्ञात हो कि छग राज्य ग्रामीण बैंक से 15 नवंबर को कर्ज की रकम जमा करने के लिए किसान रामाधार को नोटिस थमाया गया था। मामले में समझौते को लेकर मृतक रामाधार को लोक अदालत में बुलाया गया था। बैंक का नोटिस मिलने से मृतक परेशान रहने लगा था। कर्ज चुकाने का कोई रास्ता नही देख किसान ने यह आत्मघाती कदम उठाया। बताना होगा कि मृतक ने सेवा सहकारी समिति कठिया से नगद व खाद बीज, जेवरा छग ग्रामीण बैंक से लिए केसीसी लोन व टैक्टर पर लाखों रुपए बकाया था।
मृतक के छोटे बेटे लोकनाथ साहू ने बताया कि उनके पिता पर 8 लाख रुपए से अधिक कर्ज था जिसमें सेवा सहकारी समिति कठिया से खरीफ फसल के लिए 50 हजार रुपए नगद, 18848 रुपए का खाद व बीज एवं रबी फसल के लिए 50 हजार रुपए नगद इस प्रकार समिति से 118484 रुपए कर्ज लिया था। जेवरा ग्रामीण बैेंक से अपने बड़े बेटे के नाम पर 87854 रुपए व छोटे बेटे लोकनाथ के नाम पर 79170 रुपए कुल 167024 रुपए केसीसी लोन लिया था। वही वर्ष 2014 में खरीदे टैक्टर व टाली पर 5.30 लाख रुपए बकाया बताया जा रहा है।
अधिया व स्वयं के खेत की फसल चौपट
जानकारी के अनुसार मृतक ने कठिया समिति में धान बेचने के लिए 1.16 हेक्टेयर धनहा रकबा का पंजीयन कराया था। वहीं ग्राम रांका में करीब 10 एकड़ भूमि अधिया में लेकर धान की फसल लगाई थी। लेकिन इस साल अल्पवर्षा की वजह से धान की फसल चौपट हो गई। जहां फसल की लागत के बराबर भी धान नहीं हो पाया। मृतक के बेटे ने बताया कि अधिया पर लिए खेत व स्वयं के खेत से कुल 60 कट्टा धान की फसल हुई।
मामले की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। कलक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर तहसीलदार प्रवीण तिवारी पोस्टमार्टम के दौरान जिला अस्पताल एवं अंतिम संस्कार के दौरान गांव में मौजूद थे। वहीं प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन ने नगर के पुराना बस स्टैंड में बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे। वहीं कांग्रेस व छजका पार्टी पदाधिकारियों के ग्राम कठिया पहुंचने पर एएसपी गायत्री सिंह के साथ पुलिस जवान भी भेजे गए।
इस साल कर्ज के वजह से खुदकुशी करने का यह जिले में दूसरा मामला है। इससे पूर्व 9 नवंबर को किसान एक किसान ने खुदकुशी कर ली थी। दाढ़ी थानांतर्गत ग्राम घोरेघाट में किसान भगवती गायकवाड़ ने अपने घर के करीब पीपल के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसमें परिजन ने कर्ज को कारण बताया था। मृतक के पिता राधेलाल गायकवाड़ के अनुसार उसने ग्रामीण बैंक के दाढ़ी शाखा से केसीसी का राशि कर्ज पर लिया था। जिसके बाद राशि को भगवती की बिमारी पर खर्च करना पड़ा है। अन्य लोगों से भी कर्ज ले लिया था जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।
इस संबंध में कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने कहा कि मैं फिलहाल छुट्टी पर हूं, मामले की जानकारी लेने व जांच करने के लिए जिला पंचायत सीईओ को कहा गया है। बेमेतरा तहसीलदार प्रवीण तिवारी ने बताया कि किसान की आत्महत्या के मामले में मुआवजा का प्रावधान नहीं है। मामले की जांच के लिए जिला पंचायत सीईओ को निर्देश दिया गया है। जिला पंचायत सीईओ एस आलोक ने कहा कि इस मामले से मुझे कोई मतलब नहीं है। मुझे मामले की जांच के लिए कोई निर्देश नहीं मिला है। बेरला एसडीएम केएस मंडावी ने बताया कि मामले की जांच करने के लिए बेरला तहसीलदार को कहा गया है।
कर्ज से परेशान किसान की आत्महत्या के विरोध में नगर के पुराना बस स्टैंड में प्रदेश पदाधिकारी छजका योगेश तिवारी व जिला कांग्रेस अध्यक्ष आशीष छाबड़ा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का पुतला दहन किया गया। इस दौरान दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसान विरोधी नीतियों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुतला दहन के दौरान छजका के कार्यकर्ता व पुलिस जवानों के बीच जमकर झूमाझटकी हुई लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता सीएम के पुतला दहन करने में सफल रहे। छजका ने मृतक किसान के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।
वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष के अनुसार पूरे प्रदेश में किसानों की स्थिति दयनीय है। लगातार तीन साल सूखे के बावजूद प्रदेश सरकार ने किसानों की कर्ज माफी को लेकर अब तक कोई कदम नहीं उठाए हैं। नतीजतन कर्ज से परेशान किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने मृतक रामाधार के परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा देने व संपूर्ण कर्ज को माफ करने की मांग की है। पुतला दहन के दौरान कांग्रेस पार्टी से ललित विश्वकर्मा, गुलजार अली, सुमन गोस्वामी, प्रवीण वर्मा, मिंटा नामदेव, खिलेश्वर साहू, रामठाकुर, मिलन चैहान एवं छजका से राजकुमार तिवारी, मुकेश साहू, लेखमणी पांडे, सिद्धांत तिवारी, शत्रुहन साहू सहित बड़ी संख्या में दोनों पार्टी के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कर्ज से परेशान किसान के आत्महत्या की जानकारी मिलते ही प्रमुख राजनैतिक पार्टियों में धरना-प्रदर्शन की होड़ मच गई। किसान का शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचने पर प्रदेश पदाधिकारी छजका योगेश तिवारी व कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष छाबड़ा की अगुवाई में दोनों पार्टी के कार्यकर्ता परिवारजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे। इस दौरान दोनों पार्टी प्रमुखों ने मृतक के परिजन से घटना के संबंध में विस्तार से जानकारी लेने के साथ-साथ सरकार से हरसंभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया।

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