जिला सहकारी बैंक नोडल अधिकारी राधेश्याम कश्यप ने बताया कि जिले के सभी समिति प्रबंधकों को फरवरी में दुर्ग जिला सहकारी केन्द्रींय बैंक में माइक्रो एटीएम को चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के बाद जिले के सभी सेवा समितियों में माइक्रो एटीएम की मशीन दी जा चुकी है। नए वित्तीय वर्ष से किसानों को सुविधा मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना से सभी किसानों को लाभ होगा, लेकिन खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के उन किसानों को सुविधाएं मिलेगी जो रुपए निकालने के लिए जिला मुख्यालय में 15- 20 किमी दूर से आते थे और घंटों इंतजार करते थे।
माइक्रो एटीएम में मिलेगी ये सुविधाएं
दुकानदार के पास कार्ड स्वाइप करने वाली मशीन होती है। जिसे प्वाइंट ऑफ सेल कहा जाता है। इसमें बायोमैट्रिक आर्थेन्टिकेशन के लिए फिंगरप्रिंट स्कैन किया जाता है। आथेन्टिकेशन सफल होने पर एक रसीद मिलती है और कर्मचारी रुपए देता है। ट्रांजेक्शन के बाद खाताधारक के मोबाइल में मैसेज के जरिए इसकी जानकारी मिल जाती है। यह बैंक के अलावा दुकानदारों के लिए भी सुविधा जनक है। माइक्रो एटीएम के जरिए किसान न केवल कैश निकाल सकेंगे। बल्कि राशि भी जमा कर सकेंगे। साथ ही फंड ट्रांसफर भी किए जा सकते हैं। इसके साथ ही अकांउट बैलेंस की जानकारी किसान ले सकेंगे।
जिले के 54 समितियों में अप्रैल से मिलेगी सुविधा
जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी राधेश्याम कश्यप ने बताया कि किसानों को सुविधा दिलाने के लिए माइक्रो एटीएम की शुरूआत की जा रही है। दूरस्थ गांवों से रुपए निकालने के लिए जिला मुख्यालय के बैंकों में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा। इसके लिए जिले के 54 सोसायटियों में माइक्रो एटीएम बांटी जा चुकी है। एक अप्रैल से किसानों को सुविधा मिलने लगेगी।