सुप्रीम कोर्ट ने दिया है चिटफंड कंपनी की संपत्ति बेचकर निवेशकों को राशि लौटाने का आदेश, फिर भी ध्यान नहीं दे रही सरकार
जिले के 50 हजार निवेशकों को आदेश के डेढ़ साल बाद भी नहीं मिला पैसा, पीएसीएल के एजेंटों और निवेशकों ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट ने दिया है चिटफंड कंपनी की संपत्ति बेचकर निवेशकों को राशि लौटाने का आदेश, फिर भी ध्यान नहीं दे रही सरकार
बेमेतरा. पीएसीएल चिटफंड कंपनी के जिले में एजेंट और निवेशकों ने जमा की गई रकम को कंपनी की परिसंपत्तियों को बेचकर वापस दिलाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है। पीएसीएल कंपनी के एजेंटों ने बताया कि जिले के 50 हजार से अधिक निवेशकों के करोड़ों रुपए कंपनी में जमा है।
पूरे छत्तीसगढ़ में की थी ठगी
एजेंटों ने बताया कि पीएसीएल कंपनी ने 1996 में रियल स्टेट के काम से रायपुर में शुरुआत की और धीरे-धीरे पूरे छत्तीसगढ़ में अपना कारोबार खड़ा कर दिया। कंपनी के कम समय में ज्यादा पैसा देने व निवेशकों के नाम प्रापर्टी खरीदकर पैसा सुरक्षित करने के झांसे में आकर लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई कंपनी में जमा कर दी।
2014 में लगा कंपनी पर प्रतिबंध
22 अगस्त 2014 को सरकार की संस्था सेबी ने कंपनी की योजनाओं को अवैध बताते हुए कंपनी को सील कर दिया, जिसके बाद कंपनी के निवेशकों का पैसा वापस नहीं हो रहा है। एजेंटों ने बताया कि आल इंवेस्टर सेफ्टी आर्गेनाईजेशन ने निवेशकों के हितों में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को 6 माह में कंपनी की परिसंपत्तियों को बेचकर निवेशकों का पैसा वापस करने का आदेश जारी किया था, लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी निवेशकों का पैसा लौटाया नहीं जा रहा है।
तनाव में जी रहे एजेंट
निवेशकों के रुपया वापस दिलाने के दवाब से एजेंट तनाव में हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन करते हुए निवेशकों का पैसा वापस दिलाने एजेंटों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। इनमें जिला अध्यक्ष संतोष दास मानिकपुरी, बुधऊ राम साहू, जेपी साहू, टीडी मानिकपुरी, बलराम साहू, प्रेम लाल साहू, जेपी विश्वकर्मा, मनराखन साहू, रामलाल निषाद, हितेंद्र साहू, जेआर साहू के साथ सैकड़ों निवेशक शामिल रहे।
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