जिससे परेशान होकर ग्रामीण ने पीएम को पत्र लिखकर लोक-लुभावन विज्ञापनों का प्रचार-प्रसार बंद करने या फिर जरुरतमंदों को योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करने की मांग की है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण, ब्याज अनुदान योजना सहित तमाम लोक लुभावन विज्ञापनों पर भरोसा कर ग्राम तेंदुवा निवासी मंतराम साहू ने लोक सुराज अभियान में बेटी व बेटे के अध्यापन के लिए शिक्षा ऋण की मांग की। मंतराम के पत्र को शासन ने भारतीय स्टेट बैंक के नवागढ़ ब्रांच को भेज दिया।
25 मई को डाक से नवागढ़ बैंक ने मंतराम को यह सूचना दी कि लोक सुराज में दिए आवेदन के तहत ऋण के लिए पेनकार्ड, आधार कार्ड की छायाप्रति, पिता का यदि लोन हो तो स्टेटमेंक, दसवीं-बारहवीं की मार्कशीट, कॉलेज में एडमिशन की पावती, कॉलेज कोर्स की फीस प्रोजेक्ट लेकर 7 दिन में संपर्क करें। पत्र मिलने के बाद मंतराम नवागढ़ आया तो उसे कहा गया कि एक सप्ताह बाद आना।
बैंकों के रवैए व कलक्टर जनदर्शन से निराश मंतराम ने 19 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि मेरी बेटी मोहिनी साहू हाईस्कूल में 81 प्रतिशत, हायर सेकंडरी स्कूल में 82.4 प्रतिशत अंक लेकर बीएससी (आईटी) द्वितीय वर्ष में पढ़ रही है। बेटा भवानी प्रसाद एमकाम पूर्व में अध्ययनरत है। मैंने अपने बच्चों को बेहतर व उच्च शिक्षा दिलाने के लिए लुभावने सरकारी विज्ञापनों का भरोसा कर शिक्षा ऋण के लिए आवेदन दिया था।