आरोपी ने 2 सितंबर को पीडि़ता के घर में बलात् घुसकर अकेली होने का फायदा उठाकर उसे डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद किसी को बताने पर जान से मार देने व बच्चों को नुकसान पहुंचाने की बात कहकर डरा-धमका कर चुप करा दिया था। जिसके बाद पीडि़ता ने अपनेे पति को घटना की जानकारी दी। तब बेरला थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया। साथ ही विशेष न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया गया था। बताया गया कि वारदात के दिन महिला घर पर अकेली थी। उसके बच्चे स्कूल गए थे। वहीं पति भी काम पर गया था। पीडि़ता की सास मायके गई हुई थी। ससुर रायपुर गया था। घर में अकेली महिला होने की भनक लगते ही आरोपी घर में घुसा था।
पूर्व में ११ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के मामले में 7 साल की सजा काट चुका है आरोपी
आरोपी ने 5 जनवरी 1996 में उरला थाना के ग्राम सरोरा में साजा तहसील की एक 11 वर्षीय बालिका का भी दैहिक शेाषण किया था। जिसमें आरोपी को 7 साल की सजा भी सुनाई गई थी। सजा काटने के बाद आरोपी ने अपने ही गांव की महिला के साथ दुष्कर्म किया। जिसमें आरोपी ने पीडि़ता को पुराना अपराधी होने का हवाला देते हुए डराया-धमकाया था।