गौरतलब हो कि ग्राम सरदा जिला मुख्यालय व बेरला ब्लॉक के मुख्य मार्ग के मध्य स्थित है। ग्राम सरदा की दूरी बेमेतरा व बेरला से 15-15 किमी दूर है, ऐसे में पास में कोई भी सरकारी शराब का ठेका नहीं होने से बड़े पैमाने पर कच्ची शराब की अवैध बिक्री हो रही है। शराब पीने की व्यवस्था घर में ही की जाती है। शुक्रवार को बेरला शराब दुकान तालाबंदी के लिए आई महिलाएं पाउच में कच्ची शराब लेकर पहुंची थी। यहां उन्होंने अधिकारियों के सामने कार्रवाई नहीं होने को लेकर नाराजगी जाहिर की।
शराब बनाने की जानकारी किसी को ना मिले, इसके लिए अलसुबह 3 से 4 बजे के बीच महिलाएं महुआ, गुड़ व यूरिया की शराब बनाती हैं। जिसे शाम को गांव के चौक पर खपाया जाता है। कार्रवाई की डर से शराब लेने जाने वाले अनजान व्यक्ति को शराब नहीं देते बल्कि पहचान के व्यक्ति को ही पूरी तसल्ली होने के बाद ही शराब बेची जाती है।
शराब बनाने के लिए चूल्हे में एक बड़े बर्तन (बांगा) के भीतर अन्य दो बर्तन जिसमें एक में कई दिन की सड़ा हुआ महुआ व गुड़ रखते हैै। वहीं तीसरे खाली बर्तन में आग में तपने से सड़ा हुआ गुड़ व महुआ तरल पदार्थ के रूप आ जाता है। यह तरल पदार्थ ही कच्ची शराब है। बताया गया कि महुआ व गुड़ को सड़ाने के लिए यूरिया एवं अन्य केमिकल का उपयोग किया जाता है।
ग्राम सरदा में सोमवार व शुक्रवार को बाजार लगता है। इस दिन कोचिए बाजार में शराब को प्रदर्शित कर खुलेआम बिक्री करते हैं। इसकी जानकारी संबंधित विभागों को होने के बाजवूद कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणो के अनुसार शराब की अवैध बिक्री से गांव का माहौल खराब हो रहा है। प्रयासों के बावजूद इस अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लग रहा है।
ग्राम सरदा की जिस कॉलोनी में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब की अवैध बिक्री हो रही है, वहां से गांव का सरकारी स्कूल महज 50 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। वही शराब बिक्री स्थल से गुजरकर बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। इससे पालकों में नाराजगी है। उन्होंने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बेमेतरा शहर के बाजारपारा, कोबिया वार्ड, मोहभ_ा वार्ड समेत कई ढाबों में बड़े पैमाने पर शराब की अवैध बिक्री की जा रही है। ठोस कार्रवाई के अभाव में शराब कोचियों के हौसले बुलंद हैं। विशेष कर बाजारपारा व मोहभ_ा वार्ड स्थित आईएचएसडीपी कॉलोनी अवैध शराब बिक्री का केन्द्र बने हुए हैं। बाजारपारा में मंदिर जाने के मार्ग पर शराबियों का जमावाड़ा होने के साथ गुपचुप तरीके से शराब बेची जा रही है। इन शराबियों पर कार्रवाई नहीं होने से रोजाना मंदिर जाने वाले भक्तों में नाराजगी है। शहर में 15 से अधिक कोचिए सक्रिय है।
सीएमएचओ डॉ. एसके शर्मा के अनुसार यूरिया निर्मित शराब के सेवन से मानव शरीर पर घातक दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। यूरिया की मात्रा अधिक होने पर शराब जानलेवा भी हो सकती है। यूरियायुक्त शराब के सेवन से लीवर व किडनी को नुकसान पहुंचने के साथ हार्मोंस का संतुलन बिगड़ रहा है। वहीं शुगर पीडि़तो की संख्या बढऩे के साथ प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो रही है।
इस संबंध में बेमेतरा एसपी प्रशांत ठाकुर ने कहा कि शिकायत पर सरदा में सप्ताहभर पहले शराब निर्माण की कच्ची सामग्री को जब्त की गई थी। मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। शराब, गांजा की अवैध बिक्री की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है, इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।