मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओपी एसएस शर्मा ने गांव पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया। उन्होंने चौकी प्रभारी को बच्ची की खोजबीन के लिए डॉग स्क्वायड की मदद लेने कहा। चौकी प्रभारी ने बताया कि बच्ची स्कूल ड्रेस (नीले रंग की स्कर्ट व सफेद शर्ट) पहनी हुई थी।
घर में सरकारी शौचालय होने के बावजूद बच्ची के दिशा मैदान जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर शौचालय बने करीब दो साल हो चुके हंै। बावजूद शौचालय के उपयोग को लेकर ग्रामीणों में जागरुकता का अभाव दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों को गंदगी से मुक्त करने शौचालयों का निर्माण कराया गया। इसमें खासकर महिलाओं को शर्मिंदगी से मुक्ति मिली है। लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता अभियान चलाने की जरुरत है।