कुछ दिनों से अनाप शनाप राशि खर्च कर रहे आरोपियों को पकडऩे पुलिस की एक विशेष टीम का गठित की गई थी। टीम ग्रामीण क्षेत्रों में सादी वर्दी में ग्रामीणों के बीच रहकर चोरों को तलाशने में लगी थी। इसी दौरान पता चला कि ग्राम कोडिय़ा थाना नवागढ़ निवासी जसपाल सिंह, उसका भाई अमृत पाल सिंह एवं साहेब सिंह कुछ दिनों से अनाप शनाप राशि खर्च कर रहे है। इस सूचना पर दोनों को हिरासत में ले कर पूछताछ की गई। दोनों ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक नवागढ़ में चोरी का अपराध करना कबूल कर लिया।
10 लाख का कर्ज था इसके अलावा लगभग 8 लाख का लोन आरोपियों ने बताया कि उन पर एक निजी और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक नवागढ़, सहित एक निजी फायनेंस कंपनी मुंगेली में लगभग 10 लाख का कर्ज था। इसके अलावा लगभग 8 लाख का लोन भी अपने निकट रिश्तेदारों से भी ले रखा था। कर्ज की राशि से छुटकारा पाने के लिये दोनों ने बैंक में चोरी करने की साजिश रची थी। वे अक्सर बैंक संबधी कार्य के लिए सहकारी बैंक नवागढ़ आते जाते और बैंक में आने वाली रकम और कमरों की पूरी जानकारी रखते थे। इनको ये भी पता था कि बैंक के अंदर शाम 7.30 बजे के बाद कोई कर्मचारी नहीं रहता है।
इस तरह दिया वारदात को अंजाम
घटना दिनांक 31 दिसंबर 2017 को शाम 6.30 बजे दोनों भाई टायर खोलने वाले लीवर रॉड को ले कर बैंक के लिए निकले। बडा भाई जसपाल कोडिय़ा रोड में बिजली घर के पास रूक गया तथा छोटा भाई अमृत पाल अपने दोस्त कोमलजीत सिंह के साथ पीछे के गेट से अंदर गया। डेयरी लोन का कोटेशन ले कर बाहर आकर कोडिय़ा रोड में खडे बडे भाई के पास गया। उसका दोस्त कोमलजीत सिंह अपने घर चला गया। दोनों भाई योजनानुसार शाम सात बजे बैंक के सामने आकर बैठ गया और बैंक के चपरासी के खाना खाने के लिये जाने का इंतजार करने लगे। लगभग शाम 7.30 बजे बैंक का चपरासी जब खाना खाने के लिये चला गया तब तीनों आरोपी लीवर रॉड से चैनल गेट में लगे ताले को तोडकर बैंक के अंदर प्रवेश किया तथा बैंक के पीछे दरवाजे से तिजोरी को बाहर निकाल कर मोटर सायकिल में लाद कर अपने घर ले गये। घर में रखे कटर से काटकर रकम निकाल ली और तिजोरी के कुछ भाग को बोरे में भरकर घर के छत में व कुछ भाग को ग्राम कुटकुरा चौकी मारो के तालाब में फेंक दिया था।
घटना दिनांक 31 दिसंबर 2017 को शाम 6.30 बजे दोनों भाई टायर खोलने वाले लीवर रॉड को ले कर बैंक के लिए निकले। बडा भाई जसपाल कोडिय़ा रोड में बिजली घर के पास रूक गया तथा छोटा भाई अमृत पाल अपने दोस्त कोमलजीत सिंह के साथ पीछे के गेट से अंदर गया। डेयरी लोन का कोटेशन ले कर बाहर आकर कोडिय़ा रोड में खडे बडे भाई के पास गया। उसका दोस्त कोमलजीत सिंह अपने घर चला गया। दोनों भाई योजनानुसार शाम सात बजे बैंक के सामने आकर बैठ गया और बैंक के चपरासी के खाना खाने के लिये जाने का इंतजार करने लगे। लगभग शाम 7.30 बजे बैंक का चपरासी जब खाना खाने के लिये चला गया तब तीनों आरोपी लीवर रॉड से चैनल गेट में लगे ताले को तोडकर बैंक के अंदर प्रवेश किया तथा बैंक के पीछे दरवाजे से तिजोरी को बाहर निकाल कर मोटर सायकिल में लाद कर अपने घर ले गये। घर में रखे कटर से काटकर रकम निकाल ली और तिजोरी के कुछ भाग को बोरे में भरकर घर के छत में व कुछ भाग को ग्राम कुटकुरा चौकी मारो के तालाब में फेंक दिया था।
वारदात के बाद साक्ष्य छिपाने चली ये चाल
आरोपियों ने बताया है कि वारदात के पहले उन्होंने भाठापारा से दस्ताना खरीदा था ताकि जांच में उनके फिंगर प्रिंट ना आ सके। इसी तरह तिजोरी को चादर से ढंककर ले गये थे। काम होने के बाद उस दिन पहने हुए कपड़े और दस्ताने को जला दिए थे।
आरोपियों ने बताया है कि वारदात के पहले उन्होंने भाठापारा से दस्ताना खरीदा था ताकि जांच में उनके फिंगर प्रिंट ना आ सके। इसी तरह तिजोरी को चादर से ढंककर ले गये थे। काम होने के बाद उस दिन पहने हुए कपड़े और दस्ताने को जला दिए थे।
चोरी में प्रयुक्त औजार और खरीदे गए सामान बरामद
आरोपियों के निशानदेही पर ग्राम कुटकुरा के तालाब, घर के छत से तिजोरी के टुकड़े, अपराध में प्रयुक्त रॉड, कटर व मोटर सायकिल सीडी 100 बरामद किया है। साथ ही चोरी के रकम से खरीदे गए बुलेट मोटर सायकिल तथा महिला मित्र को खरीदकर दी गई स्कूटी को भी जप्त किया गया है।
आरोपियों के निशानदेही पर ग्राम कुटकुरा के तालाब, घर के छत से तिजोरी के टुकड़े, अपराध में प्रयुक्त रॉड, कटर व मोटर सायकिल सीडी 100 बरामद किया है। साथ ही चोरी के रकम से खरीदे गए बुलेट मोटर सायकिल तथा महिला मित्र को खरीदकर दी गई स्कूटी को भी जप्त किया गया है।
पुलिस के हाथ लगे मात्र तीन लाख
गौरतलब है कि चोरी की 58 लाख रकम में से मात्र तीन लाख 15 हजार ही जप्त हो पाई है। शेष रकम को बैंक व रिश्तेदारों का कर्ज पटाने, कृषि उपकरणों की खरीदी मरम्मत एवं अपने शौक पूरा करने में खर्च कर दिया है।
गौरतलब है कि चोरी की 58 लाख रकम में से मात्र तीन लाख 15 हजार ही जप्त हो पाई है। शेष रकम को बैंक व रिश्तेदारों का कर्ज पटाने, कृषि उपकरणों की खरीदी मरम्मत एवं अपने शौक पूरा करने में खर्च कर दिया है।
क्राइम ब्रांच को 30 हजार इनाम
चोरी के इस वारदात का पर्दाफाश और आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम को दुर्ग रेंज आईजी ने 30 हजार रुपए इनाम की घोषणा की है।
चोरी के इस वारदात का पर्दाफाश और आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम को दुर्ग रेंज आईजी ने 30 हजार रुपए इनाम की घोषणा की है।