साथ ही निर्धारित मापदंडों का पालन करना चाहिए। हमें जिले में बिना लाइसेंस के गुड़ बनाने का कारोबार होने की जानकारी मिली है। ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अब विभाग द्वारा सर्वे कराया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर बिना लाइसेंस गुड़ का कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिले में 2600 हेक्टेयर में गन्ने की फसल
बेमेतरा कृषि उपसंचालक विनोद वर्मा ने बताया कि जिले में 2600 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जा रही है। करीब 568 किसान गन्ने की फसल ले रहे हैं। जानकार मानते हैं कि एक एकड़ में करीब 34 क्विंटल गन्ने की फसल होती है और एक क्विंटल गन्ने में 12 से 15 किलो गुड़ बनाया जा सकता है। जिले में गन्ने की सबसे ज्यादा फसल बेरला क्षेत्र में लिया जाता है। करीब 202 किसान 1200 हेक्टेंयर मे गन्ना फसल ले रहे हैं।
बेमेतरा कृषि उपसंचालक विनोद वर्मा ने बताया कि जिले में 2600 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जा रही है। करीब 568 किसान गन्ने की फसल ले रहे हैं। जानकार मानते हैं कि एक एकड़ में करीब 34 क्विंटल गन्ने की फसल होती है और एक क्विंटल गन्ने में 12 से 15 किलो गुड़ बनाया जा सकता है। जिले में गन्ने की सबसे ज्यादा फसल बेरला क्षेत्र में लिया जाता है। करीब 202 किसान 1200 हेक्टेंयर मे गन्ना फसल ले रहे हैं।
साजा में 190 किसानों ने 435 हेक्टेयर में फसल लिया है। बेमेतरा में भी 107 किसानों ने 490 हेक्टेयर में गन्ना फसल लिया है। नवागढ़ में 69 किसानों ने 245 हेक्टेयर में गन्ना फसल लिया है। जिले में 250 से अधिक किसान गन्ने से गुड़ बना रहे हैं।
जिले में विभागीय आकडों के अनुसार 82550 क्विंटल गन्ने का उत्पादन होता है। गुड बनाने के काम में जुटे किसान राजीव शर्मा ने बताया कि खुले बाजार में 35 से 40 रुपए तक गुड़ बिकता हैं। गुड़़ बनाना मुनाफे का कारोबार है लेकिन लाइसेंस बनाने के लिए आज तक हमें किसी ने जागरुक नहीं किया। इसलिए हम लाइसेंस नहीं बनवा पाए हैं।
आज तक नहीं हुई जांच व कार्रवाई
गन्ना उत्पादक क्षेत्र होने के कारण जिले में गुड़ बनाने का कारोबार लंबे समय से चल रहा है। ज्यादातर कारोबारियों ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाइसेंस भी नहीं बनवाया है और बिना जांचे-परखे गुड़ का निर्माण कर छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी बेचा जा रहा है।
गन्ना उत्पादक क्षेत्र होने के कारण जिले में गुड़ बनाने का कारोबार लंबे समय से चल रहा है। ज्यादातर कारोबारियों ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाइसेंस भी नहीं बनवाया है और बिना जांचे-परखे गुड़ का निर्माण कर छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी बेचा जा रहा है।
खाद्य विभाग ने अब तक जिले में गुड़ कारोबारियों की जांच व नोटिस के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है। जिससे इनके हौसले बुलंद है। कार्रवाई नहीं होने के कारण गुड़ व्यापारी लाइसेंस बनवाना जरूरी नहीं समझते और अमानक गुड़ का कारोबार कर रहे हैं।