बेमेतरा/नवागढ़. मारो नगर में इन दिनों दो तस्वीर देखने को मिल रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण में राज्य में 25 वां स्थान पाने वाला मारो नगर पंचायत में एक ओर पानी से गली जाम और दूसरी ओर पानी के लिए बर्तनों की कतार दिख रही है। पुरानी नाली बंद होने और नए की सफाई नहीं होने से जमा पानी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
केंद्रीय टीम को दिखाई दूसरी तस्वीर केंद्रीय टीम ने जब मारो नगर पंचायत का स्वच्छता जांचा था, तब सुलभ में हैंडवाश, टॉवेल, दरवाजे पर स्वीपर, हर गली चकाचक मिला था, क्योंकि सफाई दिखाना था। यही नहीं इसके लिए नवागढ़ नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी भी मारो गए थे। बाद में भले ही सुलभ में ताला लगा दिया गया। सफाई के नाम पर बिल लगाया गया। स्वच्छता परिणाम के बाद विभाग को दिखाने नारे बुलंद किए गए। रैली निकालकर फोटो सेशन कराया गया पर सत्यता छिपा नहीं सके।
तीन दिनों की बारिश ने खोली पोल तीन दिन की बारिश ने मारो की स्थिति को उजागर कर दिया। पुराने नाली बंद हो गए हैं, नए की सफाई नहीं हो रही है। निर्माण में मापदंड का पालन नहीं किया गया है। नतीजा गली तालाब में तब्दील हो गई है। गंदगी व बदबू से महामारी व बरसात जनित रोग का खतरा है, लेकिन नगर पंचायत असहाय है। स्वच्छता रैकिंग का प्रमाण पत्र नगर पंचायत की शोभा बढ़ा रहा है पर दुर्गति के प्रमाण सभी 15 वार्डों में मौजूद हैं।
क्या किया विकास निधि का जिला पंचायत सदस्य बिसौहाराम साहू ने कहा कि मारो नगर पंचायत की वास्तविकता जनता जानती है। पार्षद निधि से लेकर विकास निधि के नाम पर क्या किया गया है यहां पर स्वीकृत राशि का 30 प्रतिशत का भी सही उपयोग किया गया होता तो नगर में लोगों को सर्वसुविधा मिल जाती। वही मारो नगर पंचायत उपाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने कहा कि नगर में भरे बरसात में लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। प्रशासन यहां के लोगों को शुद्ध जल नहीं दे पा रहा है। यह चिंता का विषय है। एक तरफ सडक़ में पानी का भराव, दूसरी ओर पानी का संकट है।
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