अब तक तो बन जाना था बायपास नेशनल हाइवने 30 पर कवर्धा से सिमगा सेक्शन पैकेज 2 के तहत 71 किलोमीटर सडक़ निर्माण की स्वीकृति राष्ट्रीय विकास परियोजना के चैाथे चरण के तहत मिली है। इसमें से टू लेन रोड व पेव्हड शोल्डर चौड़ीकरण व उन्नयन का कार्य 412 करोड़ की लागत से करने के लिए 9 दिसंबर 2014 को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी, जिसके बाद सडक़ निर्माण कार्य 3 मार्च 2017 तक पूर्ण किया जाना था। आज की स्थिति में सडक़ निर्माण का कार्य बायपास को छोडक़र पूरा हो चुका है, लेकिन आज तक बायपास को लेकर ठोस फैसला नहीं लिया जा सका है, जिसके कारण आज भी प्रकरण लंबित है।
बारिश में पुरानी सडक़ पर चलने की मजबूरी बताना होगा कि जब से नेशनल हाइवे का चौड़ीकरण शुरू किया गया है, तब से पुराने सडक़ को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। मरम्मत नहीं किए जाने की वजह से सडक़ बदहाल स्थिति में है। ऐसे में आने-जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सडक़ पर कई स्थानों पर गड्डे हैं, जिसका भराव तक नहीं कराया गया है। सबसे विकट स्थिति पिकरी वार्ड में है, जहां पर सडक़ का बड़ा हिस्सा एक तरफ से कटा हुआ है।
प्राधिकरण की नाली निर्माण में नहीं रुचि बायपास नहीं बनने की स्थिति में नगर पालिका से होकर गुजरते नेशनल हाइवे के किनारे दोनों छोर पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा नालियों का निर्माण कराया जाना है। प्रकरण लंबित होने के कारण नगर पालिका भी सडक़ किनारे नाली निर्माण को लेकर रुचि नहीं दिखा रहा है। यही वजह है कि विद्यानगर, पिकरी वार्ड, तालाब किनारे, गल्र्स स्कूल, प्रताप चौक, पुराना बस स्टैंड व पुराना हास्पिटल क्षेत्र में समस्या आने लगी है।
पालिका ने भेजा शासन को प्रस्ताव नगर पालिका अध्यक्ष विजय सिन्हा कहते हैं कि प्राधिकरण के निर्णय का इंतजार किया जा रहा था, लेकिन अब तक निर्णय नहीं लेने की वजह से जनता को हो रही दिक्कत को हो देखते हुए सडक़ के दोनों छोर पर नाली निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
प्रशासन ने भेजा संशोधित प्रस्ताव नेशनल हाइवे पर प्रस्तावित बायपास के लटकने के पीछे सबसे बड़ी वजह मुआवजा की राशि रही है। राशि को लेकर आपत्ति जताते हुए राजमार्ग प्राधिकरण ने मुआवजा राशि वितरण पर लोग लगा दी थी। इसके बाद प्राधिकरण के संशोधित प्रस्ताव मंगाए जाने पर प्रशासन ने अपनी कवायद पूरी कर नया प्रस्ताव पेश कर दिया है। इसमें करीब 100 करोड़ का प्रकरण तैैयार किया गया है।
निरस्त नहीं लंबित हे काम बेमेतरा एसडीएम डीएन कश्यप ने मामले में बताया कि बायपास का निर्माण निरस्त नहीं लंबित है। बायपास के लिए रिवाइज अवार्ड पास कर 100 करोड़ मुआवजा राशि की मांग की गई है। इस पर अब राजमार्ग प्राधिकरण को फैसला लेना है। अभी तक किसी प्रकार की जानकारी नहीं आई है।