पुलिस के अनुसार पुल के नीचे नहर में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था, उसकी शिनाख्त 9 अगस्त को पप्पू उर्फ सुरेंद्र यदु पिता नेतराम (30) के रूप में हुई थी। परिजन ने हाथ में लिखे एस अक्षर और कपड़ों से की थी। इसके बाद परिजन शव को अपने साथ नहीं ले गए थे। इससे पुलिस को संदेह होने लगा था। पुलिस को मेकाहारा से मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में लगी चोट बताई गई थी। शरीर के अन्य हिस्से में भी चोट थी, लेकिन शव सडऩे के कारण डॉक्टर अपनी राय नहीं दे पाए थे। सिर में चोट सामान्य नहीं थी। सिर के ऊपर की हड्डिया टूट चुकी थीं।
मृतक पप्पू यदु शराब पीने का आदी था। इसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता था। तंग आकर उसकी पत्नी दीपा अपनी ननद रंजना के पास भिलाई चली गई थी। इसके बाद रंजना ने गांव के गुलजारी को फोन कर जानकारी दी कि उसका भाई पप्पू तुमसे रंजिश रखता है। वह किसी भी दिन उसकी हत्या कर सकता है। इसके बाद रंजना ने गुलजारी को अपने भाई पप्पू को रास्ते से हटाने के बारे में बताया। उससे कहा वह भिलाई से दो व्यक्ति को उसके पास भेज रही है, उन्हें पप्पू की पहचान करा देना। इसके बाद दो लोग गुलजारी के पास पहुंचे थे।
पप्पू यदु बचपन से ही झगड़ालू व गुस्सैल प्रवृत्ति का था। लगभग 12 वर्ष पहले जब पप्पू 16 साल का था, तब उसका किसी बात को लेकर अपने पिता से विवाद हो गया और उसने पत्थर से कुचल कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था। सुधार गृह से लौटने के बाद परिजन ने उसकी शादी करा दी। शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और पत्नी मायके चली गई। इसके बाद सात साल पहले पप्पू ने दीपा बंजारे नामक युवती से प्रेम विवाह किया था और मोहरेंगा में रहने लगा था। पप्पू पत्नी से आए दिन विवाद करता और बात-बात पर मारपीट करता था।
पुलिस के अनुसार वारदात के एक माह पहले पप्पू की बहन रंजना ने गांव के गुलजारी देवांगन के मोबाइल पर कॉल किया और दीपा से बात कराने को कहा। गुलजारी ने दीपा के घर जाकर उससे बता कराई। बातचीत के दौरान मौके पर पप्पू पहुंंच गया। गुलजारी को घर में देखकर आग बबूला हो गया। गुलजारी के सामने ही उसने दीपा की बेरहमी से पिटाई कर दी। दीपा बुरी तरह घायल हो गई। फिर 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाया गया। दीपा को इलाज के लिए नंदिनी ले जाया गया। इलाज के बाद रंजना उसे अपने साथ भिलाई ले गई। इसके बाद पप्पू ने गुलजारी के साथ विवाद किया कि दीपा उसके कारण चली गई। गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। इसके कुछ दिनों के बाद गुलजारी के ट्रैक्टर में रात में किसी ने आग लगा दी। गुलजारी को शक हुआ, लेकिन पप्पू की आदतों व बचपन में पिता की हत्या करने के कारण डर के कारण कुछ नहीं कर पाया।
27 जुलाई को जब पप्पू अपने बहन के यहां भिलाई गया तो वहां भी अपनी पत्नी को देखते ही आग बबूला हो गया और गाली-गलौज कर मारपीट की। उसी समय उसकी बहन रंजना काम से लौटी, उसने बीच-बचाव किया। पप्पू ने उसकी भी पिटाई कर दी। फिर मोहरेंगा लौट आया। तंग आ चुके परिजन ने पप्पू को निपटाने की योजना बनाकर वारदात को अंजाम तक पहुंचा दिया। पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और तीन आरोपियों की तलाश कर रही है। हत्या की गुत्थी सुलझाने में थाना प्रभारी विपिन रंगारी, संजय पाटिल, गौतम ठाकुर, लोकेश गौसेवक व हवलदार देशमुख शामिल रहे।
बेरला थाना प्रभारी विपिन रंगारी ने बताया कि बहेरा के पास हुए अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा ली गई है। परिजन के शव नहीं ले जाने व मुखबिर की सूचना पर परिवार के किसी आदमी के संलिप्त होने के संदेह पर कड़ाई से पूछताछ की, जिसमें मृतक की पत्नी दीपा व बहन रंजना ने हत्या में शामिल होना कबूल किया है। जिसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से दुर्ग महिला जेल भेज दिया गया है।