875 मेगावाट उत्पादन : प्रदेश के प्रमुख प्लांटों में से एक सतपुड़ा से शुक्रवार शाम करीब 875 मेगावाट विद्युत उत्पादन हुआ। डिमांड कम रहने पर दिन भर इकाइयां बेकिंग डाउन पर चलीं। लेकिन शाम होते ही डिमांड बढऩे लगी और बेकिंग डाउन हटा लिया गया। दो और तीन नंबर प्लांट से जहां शाम 5 बजे बेकिंग डाउन हटाया गया। वहीं चार नंबर प्लांट से शाम 3:30 बजे बेकिंग डाउन हटाया गया। इसके बाद उत्पादन में सुधार आया। शुक्रवार को सतपुड़ा की 5 इकाइयों से उत्पादन लिया गया। जिसमें 6, 7, 8, 9 और 11 नंबर इकाई शामिल हैं। 10 नंबर यूनिट वार्षिक संधारण कार्य पर है।
210 मेगावाट की यूनिट बंद करने की तैयारी – सतपुड़ा प्रबंधन द्वारा 210 मेगावाट की 7 नंबर यूनिट वार्षिक संधारण कार्य के लिए बंद करने की तैयारी है। यह इकाई 10 नंबर यूनिट के लोड पर आने के बाद 15 दिनों के सुधार कार्य के लिए बंद की जाएगी। 14 अगस्त को 7 नंबर इकाई ओवरऑल के लिए बंद की जा सकती है। पहले इस इकाई को 8 नंबर यूनिट के लोड पर आने के बाद बंद करने की तैयारी थी।
कोल स्टॉक बढ़ा – अक्सर कोयले की कमी से जूझने वाले सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में शुक्रवार को 1 लाख 36 हजार मीट्रिक टन के करीब कोल स्टॉक रहा। स्टॉक बढऩे की मुख्य वजह विद्युत इकाइयों के बार-बार बंद होना और वार्षिक संधारण कार्य चलना है। गौरतलब है कि 15 दिनों तक 8 नंबर और एक माह से अधिक वक्त तक 10 नंबर यूनिट बंद रही है।
कोल स्टॉक बढ़ा – अक्सर कोयले की कमी से जूझने वाले सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में शुक्रवार को 1 लाख 36 हजार मीट्रिक टन के करीब कोल स्टॉक रहा। स्टॉक बढऩे की मुख्य वजह विद्युत इकाइयों के बार-बार बंद होना और वार्षिक संधारण कार्य चलना है। गौरतलब है कि 15 दिनों तक 8 नंबर और एक माह से अधिक वक्त तक 10 नंबर यूनिट बंद रही है।