शासन द्वारा भावांतर योजना के तहत २० अक्टूबर २०१८ से सोयाबीन और मक्के की खरीदी जिले की तीन मंडियों बैतूल, मुलताई और भैंसदेही में की गई। खरीदी के लिए पहले १९ जनवरी २०१९ आखिरी तारीख थी। इस तारीख तक जिले की सभी मंडियों में २५ लाख क्विंटल से अधिक सोयाबीन और मक्के की खरीदी की गई। जिले के ४९,२६८ किसानों ने इतना अनाज बेचा है। भावांतर में खरीदी के मामले में बैतूल मंडी में सबसे अधिक खरीदी हुई थी। वही दूसरे नंबर पर मुलताई की मंडी रही। २० अक्टूबर २०१८ से योजना शुरू होने के बाद से ही किसान भावांतर की राशि की उम्मीद लगाए हुए हैं। किसानों को भावांतर के तहत फ्लैट रेट ५०० रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाना था। किसानों को राशि देने के लिए अभी शासन से ही राशि नहीं मिली है। भावांतर के तहत सोयाबीन बेचने वाले संतोष सरियाम ने बताया कि योजना के तहत २५ अक्टूबर को सोयाबीन बेची थी। सोयाबीन बेचने को अब धीरे-धीरे चार महीने हो गए हैं। अभी तक राशि नहीं मिली है। राशि कब मिलेगी इसको लेकर भी कोई स्पष्ट रुप से नहीं बताया जा रहा है। कृषि विभाग के कार्यालय में पहुंचने पर अभी राशि नहीं आने की बात कही जा रही है। बैंक खाता भी बार-बार खंगाल रहे हैं। राशि नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।
शासन से एक बार ही भावांतर के तहत फ्लैट रेट ५०० रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से राशि देने के आदेश आए थे। इसके बाद कोई आदेश नहीं आए हैं। किसानों को देने के लिए अभी राशि नहीं मिली है। राशि मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा।
केएस, खपेडिय़ा उपसंचालक कृषि बैतूल।
पुरुषोत्तम सरले, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भारतीय किसान संघ बैतूल।