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बेतुल

बॉयो मेडिकल वेस्ट की जानकारी नहीं बता सकी स्टॉफ नर्स

कायाकल्प टीम के अधिकारियों द्वारा ये सवाल एएनसी वार्ड में स्टॉफ नर्स से पूछे। स्टॉफ नर्स ने कुछ सवालों के जवाब दिए,लेकिन कौन सा कचरा किस कलर के डिब्बे में डाला जाता है। इसकी जानकारी नहीं दे सकी।

बेतुलFeb 12, 2019 / 10:07 pm

ghanshyam rathor

Hospital inspection

Hospital inspection

बैतूल। बॉयो मेडिकल वेस्ट के बारे में क्या जानते हो। यह सामान्य कचरे से किस तरह अलग होता है। कौन से कलर के डिब्बे में कौन सा कचरा डाला जाता है। कायाकल्प टीम के अधिकारियों द्वारा ये सवाल एएनसी वार्ड में स्टॉफ नर्स से पूछे। स्टॉफ नर्स ने कुछ सवालों के जवाब दिए,लेकिन कौन सा कचरा किस कलर के डिब्बे में डाला जाता है। इसकी जानकारी नहीं दे सकी। स्टॉफ नर्स का कहना था कि दो दिन पहले ही बताया था। अब इतने जल्दी सब कुछ कैसे याद रहेगा।कायाकल्प की टीम मंगलवार सुबह जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची।
कायाकल्प अधिकारियों के दल में शामिल कायाकल्प इंचार्ज होशंगाबाद डॉ अखिलेश सिंघल, डिप्टी डायरेक्टर रुबी खान, मेटर्न होशंगाबाद पम्मी राव पहुंची। टीम ने जिला अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया। अस्पताल के एक-एक वार्ड में पहुंचे। शौचालय, खिड़की दरवाजे, इलाज, भोजन, सफाई, डॉक्टर और स्टॉफ की उपलब्धता, लेबर रुम ओटी, लैब, एनएसनसीयू,पीएनसी और एएनसी वार्ड का निरीक्षण किया। डॉक्टर अखिलेश सिंघल ने बताया कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी। शौचालय चोक थे। शौचालयों के दरवाजे टूटे हुए हैं। स्टॉफ में प्रशिक्षण की कमी नजर आई है। उन्होंने बताया कि इससे पहले हरदा जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। वहां से बैतूल में बेहतर व्यवस्थाएं है। सिंघल ने बताया कि यह फाइनल निरीक्षण है। इसके पहले भी एक टीम ने निरीक्षण किया है। ७० प्रतिशत से अधिक अंक लेने वाले जिला अस्पतालों का दोबारा से निरीक्षण किया जा रहा था। प्रदेश में जो जिला अस्पताल एक नंबर पर आएगा उसे ५० लाख और द्वितीय स्थान हासिल करने पर २५ लाख और तीसरे स्थान पर भी लाखों रुपए की राशि इनाम में दी जाती है। स्टुवर्ड दीपक भार्गव ने बताया कि सीएस ने ७६ अंक दिए थे। इसके पहले आए निरीक्षण टीम ने ७३ अंक दिए थे। निरीक्षण के दौरान डॉ सोनाली डागा उपस्थित रही।
डॉक्टर कितने बार आते हैं
डॉ ङ्क्षसघल में वार्ड में मरीजों से पूछा अस्पताल में डॉक्टर कितने बार राउंड पर आते हैं। समय पर भोजन मिलता है कि नहीं। दवाएं बाहर से खरीदकर तो नहीं लानी पड़ती है। इन सभी सवालों के जवाब में मरीजों ने जवाब दिया कि सभी सुविधाएं मिल रही है। डिप्टी डायरेक्टर रुबी खान ने वार्ड में मरीजों केक पलंग पास-पास में होने को लेकर नाराजगी जताई। खान ने कहा कि पास में पलंग होने से महिलाओं को संक्रमण का खतरा हो सकता है। अधिकारियों ने वार्ड मेंं लगे पानी के आरओ को लेकर भी पूछताछ की। डॉ सिंघल ने पूछा कि इसकी सर्विसिंग कब कराई गई थी तो अस्पताल के कर्मचारी इसका जवाब नहीं दे पाए।

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