दक्षिण एक्सप्रेस में बढ़ेगी बोगियां, लंबी वेटिंग से मिलेगा छुटकारा
२१ जनवरी के बाद में बाद में ट्रेन में कंनर्फम टिकट मिल सकेेगा, क्योकि रेलवे प्रशासन द्वारा इस ट्रेन में हैदराबाद से ६ अतिरिक्त बोगियों के साथ में चलाने के आदेश जारी किए है।
बैतूल। दक्षिण एक्सप्रेस से सफर करने वाले यात्रियों को २१ जनवरी के बाद में बाद में ट्रेन में कंनर्फम टिकट मिल सकेेगा, क्योकि रेलवे प्रशासन द्वारा इस ट्रेन में हैदराबाद से ६ अतिरिक्त बोगियों के साथ में चलाने के आदेश जारी किए है। इस ट्रेन में जोड़ी जाने वाली विशाखापटनम कोच को हटा दिया गया है, ऐसे में अब दिल्ली और हैदराबाद की ओर इस ट्रेन से सफर करने के लिए रिजर्वेशन की लंबी सूची का सामना नहीं करना पड़ेगा। काजीपेट स्टेशन पर ट्रेन विशाखापटनम कोच को जोडऩे के चलते कई बार ट्रेन लेट हो जाती थी, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता था, लेकिन अब यात्रियों को इससे भी मुक्ति मिल जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हैदराबाद से हरजरत निजामुद्विन जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस में विशाखापटनम से हरजरत निजामुद्विन जाने वाली ट्रेन की ६ बोगियां काजीपेट स्टेशन पर जोड़ी जाती है, दक्षिण एक्सप्रेस की काजीपेट स्टेशन से कोच पोजिशन बदल जाती है। इस ट्रेन में एस-१,२,३ के बाद बी वन-बीटू बोगी लगी होती, इसके बाद में सामान्य कोच लगा हुआ होता है, ऐसे में यदि कोई यात्री कोच नंबर एस-३ से एस-४ में जाना चाहता है तो, वह नहीं जा सकता है, क्योकि एस-३ के बाद बी वन कोच आ जाता है।
यात्रियों को मिल सकेगा खानपान की सुविधा
ट्रेन में खानपान यान की सुविधा भी है, जिसक बाद भी ६ बोगियों में सफर करने वाले यात्रियों को खानपान की सुविधा नहीं मिल पा रही थी, क्योकि इस बीच में एक एसएलआर कोच लगा हुआ है, जिसके चलते यात्री एक बोगी से दूसरी बोगी में नहीं जा पा रहे थे। ऐसे में ६ बोगियों के यात्रियों को स्टेशन आने पर प्लेटफार्म से खाना खरीदकर खाना पड़ता है।
विशाखापटनम के लिए बदलनी होगी ट्रेन
दक्षिण एक्सप्रेस से विशाखापटनम कोच हट जाने से यात्रियों को अब सीधे सुविधा नहीं मिल सकेगी। यात्रियों को विशाखापटनम के लिए काजीपेट स्टेशन से ट्रेन बदलनी पड़ेगी। वर्तमान में इस ट्रेन की सीधी सुविधा होने से यात्रियों को ट्रेन नहीं बदलनी पड़ती थी, लेकिन अब ट्रेन बदलकर सफर करना पड़ेगा। वहीं इस ट्रेन में सामान्य श्रेणी की बोगियों में सफर करने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है, क्योकि दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोडऩे वाली और प्रतिदिन चलने वाली सबसे पुरानी ट्रेन है।
इनका कहना
दक्षिण एक्सप्रेस से जोड़े जाना विशाखापटनम कोच को हटाए जाना है। दक्षिण एक्सप्रेस में अब एक क्रम में बोगियां होगी, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा होगी।
अनिल कुमार, जनसपंर्क अधिकारी मध्य रेलवे नागपुर।
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