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अनुमति आठ की लेकिन सड़को पर दौड़ रहे 35 टन भारी डंपर

पीएम सड़क के महाप्रबंधक ने कलेक्टर को लिखा पत्र, कहा – डंपरों पर लगाया जाए प्रतिबंध, डंपरों के चलने से सड़कों को हो रहा नुकसान, गारंटी पीरियड से पहले उखड़ रही सड़कें

बेतुलOct 18, 2019 / 08:08 pm

poonam soni

अनुमति आठ की लेकिन सड़को पर दौड़ रहे 35 टन भारी डंपर

अनुमति आठ की लेकिन सड़को पर दौड़ रहे 35 टन भारी डंपर

बैतूल. जिले में रेत के अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में बनी प्रधानमंत्री सड़कों की हालत भी खस्ताहाल हो गई है। 30 से 35 टन वजनी डंपरों के कारण सड़कें जवाब देने लगी है। सड़कों की जर्जर हालात को देखते हुए मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण विभाग के परियोजना महाप्रबंधक को कलेक्टर के नाम पत्र लिखकर रेत एवं गिट्टी के डंपरों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना पड़ा। पत्र के साथ 17 प्रमुख मार्गों की सूची भी सौंपी गई है जिनमें रेत एवं गिट्टी परिवहन से सड़कों को नुकसान होना बताया जा रहा है। ज्यादा नुकसान गारंटी पीरियड की सड़कों को हो रहा है और विभाग की परेशानी ये है कि स्वयं के खर्चे पर सड़कों का मेंटेनेंस करना पड़ता है। वहीं खनिज विभाग का तर्क ये है कि डंपर सड़क से नहीं गुजरेंगे तो फिर कहा से जाएंगे।

17 सड़कों की हालत खस्ताहाल
जिले में रेत एवं गिट्टी की ओवरलोडिंग के कारण 17 प्रधानमंत्री सड़कों की हालत खस्ताहाल हो गई है। इनमें सर्वाधिक 7 सड़कें घोड़ाडोंगरी ब्लॉक की है क्योंकि घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में तवा, धाराखोह, कानावाड़ी सहित प्रमुख बरसाती नदियां मौजूद है जिनसे बड़े पैमाने पर रेत का उत्खन्न किया जाता है। रात के वक्त इन नदियों से बड़े पैमाने पर रेत का परिहन होता है। कई बार खनिज विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई कर वाहनों को पकड़ा भी गया है। इसके अलावा शाहपुर की 4, चिचोली की 2, भीमपुर की 2 बैतूल की 1 सड़क हैं जिनकी हालत भी ओवरलोडिंग की वजह से खस्ताहाल बताई जाती है।
प्रतिबंध लगाने लिखा पत्र
मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण विभाग के परियोजना महाप्रबंधक आरके जैन ने प्रधानमंत्री सड़कों की खस्ताहाल हालत को देखते हुए कलेक्टर को पत्र लिखकर भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। महाप्रबंधक ने अपने पत्र में लिखा है कि जिले में जो प्रधानमंत्री सड़कें बनाई गई है वह आठ टन क्षमता की है लेकिन रेत एवं गिट्टी के ओवरलोडिंग वाहनों के कारण सड़कों का संधारण कार्य टिक नहीं पा रहा है। समय से पहले ही सड़कें जवाब दे रही है। ऐसे में भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाकर सड़कों को बचाया जाए।
ओवरलोडिंग से बर्बाद हुई सड़कों की सूची
सड़क का नाम लंबाई किमी परिवहन
सिल्लौट से लावन्या मार्ग 2.160 गिट्टी परिवहन
पाथाखेड़ा से भांडवा 5.०० गिट्टी परिवहन
भैंसदेही-नांदा-भीमपुर 2.870 रेत परिवहन
जामू से ऊटी 1.630 रेत परिवहन
एनएच 59 ए से चूनाहजूरी 6.170 रेत परिवहन
चूनाहजूरी से चिखली ५.४२० रेत परिवहन
बरबटपुर चोपना, डेहरीआमढाना ३१.२०० रेत परिवहन
गोल्हई बुजुर्ग से शिवसागर ३.४५० रेत परिवहन
डेहरीआमढाना से गोपालपुर ३.८७४ रेत परिवहन
चोपना मार्ग से मालोर ४.३९६ रेत परिवहन
सीवनपाट से शांतिपुर ४.१५० रेत परिवहन
चोपना मार्ग से शक्तिगढ़ ४.१०८ रेत परिवहन
भोगाई खापा से बरबटपुर, चोपना ३.४१ रेत परिवहन
चिचोली-ढोढरामऊ रोड १०.७७१ रेत परिवहन
चिचोली- ढोढरामऊ रोड ८.५७० रेत परिवहन
टिमरनी से पाट ४.६८ रेत परिवहन
ढोढरामऊ से टिमरनी ३.३४ रेत परिवहन

हमारी जानकारी में ओवरलोडिंग का मामला है। कार्रवाई के लिए ज्वाइंट टीम जल्द बनाई जाएगी। फिलहाल हम खनिज परिवहन की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। जल्द ही एक्शन लिया जाएगा।
तेजस्वी एस नायक, कलेक्टर
हमनें १७ प्रधानमंत्री सड़कों की सूची कलेक्टर को सौंपी है। यह वे सड़कें है जो रेत एवं गिट्टी की ओवरलोडिंग से बर्बाद हो रही है। हमनें इन सड़कों पर भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध की मांग की है।
आरके जैन, परियोजना महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क, बैतूल
रेत के परिवहन से जो सड़कें अब खराब होंगी डीएमएस फंड से खनिज विभाग द्वारा पैसा दिया जाएगा। ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कें बन सकें। रेत परिवहन नीति में डीएमएस पर विचार किया जा रहा है जैसे ही इसे स्वीकृति मिलती है तो खराब सड़कों के लिए पैसा जारी किया जाएगा।
शशांक शुक्ला, खनिज अधिकारी
क्षमता सिर्फ आठ टन की है
ग्रा मीण क्षेत्रों में बनी प्रधानमंत्री सड़कों की कुल क्षमता 8 टन की है। इससे अधिक क्षमता वाले वाहनों का इन सड़कों पर आवागमन प्रतिबंधित रहता है, लेकिन रेत के अवैध कारोबार एवं ओवरलोडिंग की वजह से प्रतिदिन 30 से 35 टन वजनी डंपर इन सड़कों से गुजर रहे हैं। जिसके कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही है। विभाग की माने ओवरलोडिंग की वजह से जो सड़कें खराब हुई हैं उनकी मरम्मत के लिए अलग से बजट भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है। ऐसे में महीनों यह सड़कें जर्जर हालत में पड़ी रहती है।

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