बैतूल. कोई प्रसूता जननी वाहन के भरोसे घर जाने के लिए बैठी रहे तो उसका भगवान ही मालिक है। उसे वाहन कब मिलेगा या मिलेगा भी नहीं है इसकी कोई गारंटी नहीं है। जननी एक्सप्रेस बिजी होने से प्रसूता को नहीं मिल सकती है। ग्राम बोरगांव की एक प्रसूता बुधवार दोपहर से वाहन के लिए बैठी रही। परिजनों ने बार-बार 108 पर फोन लगाया हर बार जवाब आया है जननी वाहन अभी बिजी है। प्रसूता को घर जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़े तो इसकी सेवाएं पर भी सवाल उठने लगते हैं। शासकीय अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं को घर पहुंचाने के लिए कैशलेश योजना संचालित है। जिले भर में अस्पताल लाने और घर पहुंचाने 22 गाडिय़ां सेवाएं दी रही है। जिला अस्पताल में भी चार वाहन है,लेकिन जब प्रसुताओं को घर छोडऩे की बारी आती है तो गाडिय़ां ही नहीं मिलती है। ग्राम बोरगांव निवासी सुनीता पति सुनील वाघमारे ने बताया कि प्रसव के बाद दोपहर में छुट्टी दे दी गई थी। दोपहर में 12 बजे के करीब जननी वाहन के लिए फोन लगाया। गाड़ी के इंतजार में दो से तीन और फिर चार घंटे हो गए। इसके बाद भी गाड़ी नहीं मिली। 108 नंबर पर 12 बार फोन लगाया हर बार जवाब आया गाड़ी बिजी है। दोपहर में बारह बजे फोन लगाने के बाद भी प्रसूता को शाम पांच बजे तक वाहन नहीं मिल सका था। परिजनों ने बताया कि एक गाड़ी कुम्हली हमारे ही गांव के पास जा रही थी। इस गाड़ी में ले जाने के लिए कहा तो भी इंकार कर दिया। शाम को छह बजे के लगभग प्रसूता को वाहन उपलब्ध हो सका।
जननी वाहन बिजी होने की वजह से नहीं मिला होगा। प्रसूता के परिजनों को दोबारा फोन लगाना चाहिए था। महिला के लिए वाहन की व्यवस्था कर भेज दिया है।
हरीश तावड़े, जिला प्रभारी जननी 108 बैतूल