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18 करोड़ की बिल्डिंग बनकर तैयार पर डॉक्टरों का पता नहीं

जिला अस्पताल में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के कुल ३३ पद खाली होना बताए जाते हैं। इनमें से प्रथम श्रेणी चिकित्सकों के सर्वाधिक २० पद रिक्त है। जबकि द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के १३ पद खाली है।

बेतुलJan 18, 2019 / 11:17 am

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district hospital

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बैतूल। बैतूल जिले को जल्द ही साढ़े अ_ारह करोड़ की लागत से बन रहे तीन मंजिला जिला अस्पताल की सौगात मिलने वाली है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि नई बिल्डिंग में अस्पताल को शिफ्ट करने से क्या मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। या फिर ट्रामा सेंटर जैसे हालात निर्मित हो जाएंगे। वर्तमान में जिला अस्पताल में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के ३३ पद खाली पड़े हैं। विगत दस सालों से पदों को भरने की बात कहीं जा रही है लेकिन आज तक एक पद भी नहीं भरा सका बल्कि हर साल चिकित्सकों के पद खाली होते जा रहे हैं। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों को लेकर भी यही स्थिति बन रही है। जिसके कारण अस्पताल के संचालन को लेकर ही प्रश्न उठ खड़ा हुआ है।
सभी श्रेणियों में पद खाली
जिला अस्पताल में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के कुल ३३ पद खाली होना बताए जाते हैं। इनमें से प्रथम श्रेणी चिकित्सकों के सर्वाधिक २० पद रिक्त है। जबकि द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के १३ पद खाली है। नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ का पद विगत एक साल से खाली पड़ी हुआ है। इन बीमारियों के मरीजों को निजी अस्पताल में इलाज के लिए जाना पड़ता है। वहीं रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थिसिया, ऑर्थोपेडिक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त होना बताया जा रहा है। स्थिति यह है कि ओपीडी में इलाज के लिए मरीजों की लंबी कतार लगे रहती है लेकिन इलाज करने वाला कोई नहीं है। ओपीडी में चिकित्सक नहीं होने पर मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद भी खाली हो रहे
अस्पताल में अभी तक तो डॉक्टरों की ही कमी बनी हुई थी लेकिन अब तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद भी तेजी से खाली होते जा रहे हैं। तृतीय श्रेणी के १७ पद और चतुर्थ श्रेणी के १२ पद खाली होना बताए जा रहे हैं। वर्किंग स्टाफ के कम होने से अस्पताल में अव्यवस्थाएं भी नजर आने लगी है। अस्पताल प्रशासन की माने तो लंबे समय से अस्पताल में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्तियां नहीं हुई है। जो कर्मचारी कार्यरत हैं वे भी धीरे-धीरे कर सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। जिसके कारण रिक्त पदों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों में कमी आने से प्रशासनिक कार्य तेज गति से नहीं हो पा रहे हैं।
करोड़ की बिल्डिंग बनकर तैयार पर इलाज नहीं
जिला अस्पताल कैम्पस में पीछे की तरफ साढ़े अ_ारह करोड़ की लागत से तीन मंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। बिल्डिंग लगभग बनकर तैयार हो चुकी हैं फिनिशिंग का काम भर चल रहा है। नई बिल्डिंग के बनने के बाद अस्पताल को इसमें शिफ्ट कर दिया जाएगा। जहां मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है लेकिन सच्चाई तो यह है कि नई बिल्डिंग के शुरू होने से मरीजों की सुविधाएं तो मिलेगी लेकिन बेहतर इलाज हासिल नहीं हो सकेगा,क्योंकि चिकित्सकों के पदों को भरने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पूरा जोर सिर्फ बिल्डिंग निर्माण में दिया जा रहा है। इसके पूर्व ट्रामा सेंटर के लिए बनाई गई बिल्डिंग का भी यही हश्र हुआ। स्टाफ के अभाव में इस बिल्डिंग का इस्तेमाल पुरुष एवं महिला सर्जिकल वार्ड के रूप में किया जा रहा है।
इनका कहना
– यह सही है कि अस्पताल में इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं है। हम कई सालों से स्वास्थ्य संचालनालय में रिक्त पदों को भरे जाने के लिए पत्राचार कर रहे हैं लेकिन आज तक एक भी डॉक्टर नहीं भेजा गया। वर्तमान में ३३ पद प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के खाली है। जो डॉक्टर मौजूद हैं उनसे ही सभी तरह की सेवाएं ली जा रही है।
– डॉ अशोक बारंगा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल बैतूल।

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