पृथ्वी के तापमान में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी अगले पांच वर्षों में तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ जाएगा
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी के तापमान में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है और अगले पांच वर्षों में पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ सकता है जो भयावह स्थिति निर्मित कर सकता है। इस प्राकृतिक असंतुलन को रोकने वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व भ्रमण के दौरान ध्यान में आया है कि केवल सरकार के प्रयासों से हम इस विकट परिस्थिति से निजात नहीं पा सकते। हमें व्यक्तिगत तौर पर प्रयास करने होंगे। हमें कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए सौलर ऊर्जा पर आना होगा।
Addressing Dr. Chetan Solanki program of Mumbai, popularly known as Solar Men
जामठी। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी के तापमान में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है और अगले पांच वर्षों में पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ सकता है जो भयावह स्थिति निर्मित कर सकता है। इस प्राकृतिक असंतुलन को रोकने वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व भ्रमण के दौरान ध्यान में आया है कि केवल सरकार के प्रयासों से हम इस विकट परिस्थिति से निजात नहीं पा सकते। हमें व्यक्तिगत तौर पर प्रयास करने होंगे। हमें कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए सौलर ऊर्जा पर आना होगा।यह कहना था सोलर मेन के नाम से प्रसिद्ध आईआईटी मुंबई के प्राध्यापक डॉ. चेतन सिंह सोलंकी का। वे 11 वर्ष के लिए निकाली जा रही सोलर एनर्जी स्वराज यात्रा के तहत गुरुवार को आज बैतूल पहुंचे थे। उनका प्रथम उद्बोधन कार्यक्रम भारत भारती आवासीय विद्यालय में आयोजित किया गया। जहां डॉ. सोलंकी ने जिले भर से आए सौर ऊर्जा प्रेमियों को संबोधित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय सांसद दुर्गादास उइके ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुम्बई आईआईटी प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी का स्वागत सांसद दुर्गादास उइके, भारत भारती शिक्षा समिति के सचिव मोहन नागर, कोषाध्यक्ष मुकेश खंडेलवाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सोलंकी ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य ने आधुनिकता की दौड़ में प्रकृति के साथ बुरा व्यवहार किया। हमने प्रकृति से शुद्ध हवा, जल, रोशनी, ऊर्जा प्राप्त की लेकिन इसे बचाना हमें नहीं आया। इन प्रकृति प्रदत्त उपहारों के उपयोग के संबंध में उन्होंंने गांधी जी की बात दोहराते हुए कहा कि ‘संसाधनों का उपयोग जरूरत के लिए हो, लालच के लिए नहींÓ। सोलंकी ने कहा कि जब से हमने कोयला, पेट्रोल, गैस आदि ईंधन का अत्याधिक उपयोग प्रारंभ किया, तब से प्रकृति के संरचना में बदलाव और दुष्प्रभाव सामने आने लगे हैं। वर्षा, शीत, और गर्मी के असंतुलन हमारे सामने जीवंत उदाहरण हैं। समूचा विश्व पृथ्वी के बढ़ते तापमान से चिंतित है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के जंगलों में लगी आग इसका एक और उदाहरण है। हम सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाकर अन्य ईंधनों की खपत बहुत हद तक कम कर सकते हैं। यह कार्य कठिन नहीं है। खरगौन जिले में संचालित एज्युकेशन पार्क स्कूल में 2015 से बिना विद्युत कनेक्शन के सभी आधुनिक उपकरणों का उपयोग सौर ऊर्जा की सहायता से किया जा रहा है। हमारे द्वारा वर्तमान में उपयोग किए जा रहे ऊर्जा के संसाधनों के आयात पर 170 बिलियन डॉलर खर्च करना पड़ रहा है। जिससे प्रतिवर्ष भारत सरकार को 35 से 40 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है।हम प्रकृति का समुचित दोहन करें, इसका संरक्षण करें और संसाधनों के सही उपयोग के द्वारा प्रकृति की रक्षा में सहभागी बनेगें और देश की अर्थ व्यवस्था के सुधार में सहयोग करेंगे। इसके लिए हमें एक सूत्र अपनाना होगा एवॉइड, मिनिमाइज और जनरेट। इसके अंतर्गत बिजली की अत्याधिक आवश्यकता को टालने का प्रयास करें, कम बिजली से चलने वाले संसाधनों का उपयोग करें और आवश्यकता के अनुसार बिजली स्वयं उत्पादित करने का प्रयास करें। उम्मीद है कि आप सभी प्रण लेकर इस यात्रा के संकल्प को पूरा करेंगे। सोलंकी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए भारत भारती की प्रशंसा की।कार्यक्रम के अध्यक्ष क्षेत्रीय सांसद दुर्गादास उइके ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान समय में सौर ऊर्जा का महत्व बढ़ गया है। इस प्रकार की यात्रा निश्चित तौर पर प्रेरणा का कार्य करेगी। मैं बैतूल, हरदा, हरसूद संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से प्रोफेसर सोलंकी का आभारी हूँ। इस पुनीत कार्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं। कार्यक्रम का संचालन नितिन झारिया ने किया और आभार विद्यालय के प्राचार्य गोविन्द कारपेंटर ने किया। उलेखनीय है कि आई.आई.टी. मुम्बई के प्रोफेसर एवं सौर ऊर्जा के ब्राण्ड एंबेसडर चेतन सिंह सोलंकी अपनी एनर्जी स्वराज यात्रा- 2020-30 को लेकर बस द्वारा संपूर्ण भारत में सौर ऊर्जा के आवश्यकता और महत्व को लेकर यात्रा करेंगे। ऊर्जा स्वराज यात्रा 17 और 18 दिसंबर को बैतूल में रहेगी । यात्रा सोलर ग्राम बाचा भी जाएगी जहां सोलंकी बाचा ग्रामवासियों से चर्चा करेंगे।
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