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भगवान भरोसे सुरक्षा : राख बांध पर बिजली की सुविधा है ना एप्रोच रोड, चोरी हो रहे एश पाइप

locationबेतुलPublished: Aug 01, 2019 06:59:20 pm

Submitted by:

rakesh malviya

मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी सारनी अंतर्गत तीन राख बांध , कितनी एश पाइप लाइन बिछाई गई थी और कितनी निकाल ली गई है इसकी जानकारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन को भी नहीं

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सारनी. मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी सारनी अंतर्गत तीन राख बांध है। जिनका क्षेत्रफल 1500 एकड़ से अधिक है बांध निर्माण के बाद से कितनी एश पाइप लाइन बिछाई गई थी और कितनी निकाल ली गई है इसकी जानकारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन को भी नहीं है। बांध की सुरक्षा राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल(एसआईएसएफ) के भरोसे हैं। तीन अलग-अलग टुकड़ों में विभाजित राख बांध की सुरक्षा एसआईएसएफ जवानों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। दरअसल बांध पर न तो बिजली की सुविधा है और ना ही एप्रोच रोड है। ऐसे में बरसात के दिनों में पाइप लाइन कटिंग कर चोरी करने वालों को पकडऩा बेहद मुश्किल है। स्क्रेप चोर भी बांध को अपने लिए सबसे सुरक्षित स्थान मानकर यहां से आए दिन गैस कटर से एश पाइप लाइन की कटिंग कर आसानी से शहर से बाहर पहुंचाने में सफल हो रहे हैं। धोखे से कभी सुरक्षा बल द्वारा मुखबिर की सूचना पर पाइप पकड़ भी लिए जाते हैं तो जिम्मेदार अधिकारी एफआईआर कराने में रुचि नहीं लेते। जबकि आए दिन राख बांध से पाइप लाइन चोरी कर पीकअप और ट्रैक्टर ट्राली से क्षेत्र से बाहर पहुंचाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि समीपस्थ जिले के स्क्रेप व्यापारी सारनी में रहकर राख बांध की एश पाइप लाइन कटिंग कराकर शहर से बाहर भेज रहे हैं।
चार एजेंसी देख रही सुरक्षा का जिम्मा
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अलावा राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल, पूर्व सैनिक और नीलम सुरक्षा एजेंसी 179 अधिकारी, कर्मचारी सुरक्षा का काम देख रहे हैं। इसमें मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के 19, एसआईएसएफ के 69, भूतपूर्व सैनिक 11 और नीलम सुरक्षा एजेंसी के 80 सुरक्षा कर्मी शामिल है। कंपनी के सुरक्षा कर्मी बैरियर और पॉवर प्लांट में तैनात है। वहीं एसआईएसएफ की सुरक्षा प्लांट के अलावा राख बांध पर भी है। भूतपूर्व सैनिक प्लांट की सुरक्षा देखते हैं। जबकि नीलम सुरक्षा एजेंसी कोल हैंडलिंग प्लांट और पॉवर हाउस में हैं।
नहीं होती रिकवरी
दोहरी नीति से कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान वहन करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है किनिजी सुरक्षा एजेंसी के कार्य क्षेत्र में चोरी की वारदात होती है तो सुरक्षा एजेंसी से कंपनी द्वारा रिकवरी की जाती है। जबकि एसआईएसएफ और कंपनी की सुरक्षा में सेंध लगाने पर कोई रिकवरी नहीं होती इससे कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान वहन करना पड़ रहा है।
इनका कहना
राख बांध से पाइप लाइन चोरी होने की घटनाएं सामने आ रही है। बांध पर बिजली और एप्रोच रोड की समस्या है।दूर-दूर तक बांध में ऊंची-ऊंची घासे लगी है। जिसका फायदा उठाकर चोर भाग निकलते हैं।पॉवर प्लांट के भीतर चोरी पर पूरी तरह अंकुश है। कंपनी स्तर पर भूतपूर्व सैनिक बढ़ाने की मांग की गई है।
आरके भार्गव, मुख्य सुरक्षा अधिकारी, सतपुड़ा, सारनी
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