कलेक्टोरेट बिल्डिंग की तीसरे माले से गिरकर भृत्य की मौत
कम्पोजिट कलेक्टोरेट बिल्डिंग के तीसरे माले से गिरकर एक भृत्य की शनिवार सुबह मौत हो गई। भृत्य कलेक्टर कार्यालय में ही सर्विस डक्ट के ग्राउंड फ्लोर पर गंभीर हालत में पड़ा हुआ मिला था।
While examining the police door from where the servant fell down to death.
बैतूल। कम्पोजिट कलेक्टोरेट बिल्डिंग के तीसरे माले से गिरकर एक भृत्य की शनिवार सुबह मौत हो गई। भृत्य कलेक्टर कार्यालय में ही सर्विस डक्ट के ग्राउंड फ्लोर पर गंभीर हालत में पड़ा हुआ मिला था। भृत्य को साथी कर्मचारियों ने देखा तो जिला चिकित्सालय पहुंचाया है। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है। कलेक्टर जांच के तीन सदस्यीय टीम बनाई है।
पुलिस के मुताबिक पॉलिटेक्निक में भृत्य के पद पर पदस्थ ६१ वर्षीय पंढरी पिता गोमाजी धोटे निवासी देशबंधु वार्ड शनिवार सुबह गंभीर हालत में कम्पोजिट कलेक्टर कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर सर्विस डक्ट के पास गंभीर हालत में पड़े हुए थे। सैनिक ने सूचना दी तो कर्मचारियों ने देखा और उन्हें निकालकर तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया। सिर में गंभीर चोट आने से पंढरी की मौत हो गई। सूचना मिलते ही एसडीएम और तहसीलदार अस्पताल पहुंच गए थे। पुलिस ने पीएम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। मामले की जांच के लिए कलेक्टर द्वारा तीन लोगों की जांच समिति बनाई है। पंढरी की बाढ़ नियंत्रण कक्ष में डयूटी लगाई थी। जिस समय घटना हुई वे डयूटी पर तैनात थे।
बाढ़ नियंत्रण में डयूटी का था पहला दिन
पंढरी का बाढ़ नियंत्रण की डयूटी में शनिवार को पहला ही दिन था। बाढ़ नियंत्रण में तीन कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई थी। जिसमें पंढरी भी शामिल था। बाढ़ नियंत्रण कक्ष तीसरे माले पर ही बनाया गया है। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि सुबह साढ़े सात बजे के लगभग पंढरी उठा और दरवाजे के पास पहुंचा। सीढ़ी की आशंका को देखते पंढरी ने दरवाजा खोला और अचानक नीचे गिर गया। जिस जगह से पंढरी नीचे गिरा यह, जगह ठेकेदार द्वारा सर्विस डक्ट के लिए छोड़ी गई थी। इसमें ठेकेदार की लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नए भवन में कार्यालय संचालित होने के पांच माह बाद भी यहां पर लिफ्ट नहीं लगाई गई है। लिफ्ट के लिए अभी तक बजट नहीं मिला है।
हैंडओवर को लेकर गोलमोल जवाब
बिल्डिंग के हैंडओवर को लेकर अधिकारियों द्वारा गोलमोल जवाब दिया जा रहा है। भवन को दिसंबर में अधिपत्य में देने की बात कही जा रही है और जो कमी बीसी रह गई है, उसका सुधार कार्य करवाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि १३ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस कम्पोजिट कलेक्टोरेट भवन का आनन-फानन में ११ सितंबर २०१८ को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकार्पण कर दिया था। मार्च २०१९ में विभागीय कार्यालय भी शिफ्ट कर दिए हैं। अभी तक बिल्डिंग को हैंउओवर तक नहीं किया गया है।
इनका कहना
भवन को अधिपत्य में दे दिया है। कार्यालय भी संचालित किए जा रहे हैं। भवन में कोई भी शिकायत आने पर सुधार कार्य कर रहे हैं। सर्विस डक्ट से गिरकर भृत्य की मौत हुई है।
केके सिंगारे, कार्यपालन यंत्री पीआईयू बैतूल।
कम्पोजिट कलेक्टोरेट भवन की तीन मंजिला से गिरकर भृत्य की मौत हुई है। पीएम करा दिया है। मामले की जांच की जा रही है।
एसके वर्मा,चौकी प्रभारी जिला अस्पताल बैतूल।
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