जेनको से बिजली का उत्पादन करना तीन से 15 पैसे प्रति यूनिट हुआ महंगा
संधारण के बाद तीन घंटे 40 मिनट चली और इलेक्ट्रिकल फाल्ट से बंद हो गई यूनिट
जेनको से बिजली का उत्पादन करना तीन से 15 पैसे प्रति यूनिट हुआ महंगा
सारनी. मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने जून माह की एमओडी (मैरिड आर्डर डिस्पैच) 12 जुलाई को जारी कर दी है। जिसमें मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्लांटों से बिजली उत्पादन करना 3 से 15 पैसे प्रति यूनिट तक महंगा हुआ है। बिजली उत्पादन लागत में बढ़ोत्तरी की मुख्य वजह कोयले के दाम बढऩा है। दरअसल क्षेत्रीय खदानों से ज्यादा कोयला डब्ल्यूसीएल और एसईसीएल से रेलवे मार्ग के जरिए प्लांट तक पहुंचना है। जेनको के जानकार बताते हैं कि कोयला और परिवहन भाड़ा के चलते बिजली उत्पादन लागत में बढ़ोत्तरी हुई है। खासबात यह है कि जून माह में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के किसी भी प्लांट से बिजली उत्पादन लागत में सुधार नहीं आया जो जेनको के लिए ङ्क्षचता का विषय है।
सारनी. बिजली घर सारनी की 7 नंबर इकाईगुरुवार रात 1 बजे सिंक्रोनाइज हुई और 130 मेगावाट के लोड पर पहुंचते ही 4:40 बजे इलेक्ट्रिकल फाल्ट के चलते बंद हो गई। 210 मेगावाट की यह इकाई एक माह से संधारण कार्य के लिए बंद थी।मंगलवार रात 2 बजे इकाई को लाइटअप किया था। करीब 24 घंटे बाद यूनिट लोड पर आई थी कि जनरेटर में इलेक्ट्रिकल फाल्ट आने से बंद हो गई। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को दिन भर सुधार कार्य चला। विद्युत इकाइयों में बार-बार आ रही तकनीकी खराबी से सतपुड़ा ताप गृह का बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। जिसका सीधा असर वार्षिक उत्पादन पर पड़ेगा।
कंडेंसर में फंसा कचरा – सतपुड़ा के जानकार सूत्र बताते हैं कि 210 मेगावाट की 8 नंबर इकाई के कंडेशर में कचरा फंस गया है। इस वजह से इकाई को 150 मेगावाट के लोड पर चलाया जा रहा है।वहीं 200 और 210 मेगावाट की 6 -8 नंबर इकाई को 155-155 मेगावाट के लोड पर चलाया जा रहा है।7 नंबर इकाई चालू होने पर 8 नंबर को बंद कर कंडेशर साफ करने की योजना भी बनाई जा रही है। ताकि कंडेशर साफ किया जा सके।शुक्रवार को सतपुड़ा से 710 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हुआ। 6 , 8 , 9 और 10 नंबर इकाई से बिजली उत्पादन लिया गया।