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बेतुल

सरकार को लेना होगा मजदूर विरोधी प्रावधानों को वापस, शुरू हुआ दूसरे चरण का आंदोलन

द्वार सभा में बोले बीएमएस महामंत्री

बेतुलSep 08, 2018 / 02:41 pm

pradeep sahu

Government will have to take anti-laboratory provisions back, the seco

सरकार को लेना होगा मजदूर विरोधी प्रावधानों को वापस, शुरू हुआ दूसरे चरण का आंदोलन

सारनी. सरकार मजदूरों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। फिक्सड टर्म एम्प्लायमेंट जैसे प्रावधान से मजदूरों की मुश्किले बढ़ेगी। ऐसे मजदूर विरोधी प्रावधान सरकार को हर हाल में वापस लेना होगा। यह बात शुक्रवार को वेकोलि की छतरपुर-1 खदान में द्वारसभा को संबोधित करते हुए बीएमएस के महामंत्री अशोक मालवीय ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूर विरोधी प्रावधानों को वापस नहीं लेती है तो चौथे चरण के आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा। इस आंदोलन में कोयला परिवहन बाधित कर विरोध दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ठेका श्रमिकों के वेतन सामाजिक सुरक्षा सहित 7 सूत्रीय मांगपत्र के समर्थन में 11 सितंबर को महाप्रबंधक कार्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन के साथ आंदोलन के चौथे चरण में डिस्पैच रोकने का नोटिश दिया जाएगा। कोयला समेत अन्य उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ ने चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया है। इसी के तहत शुक्रवार को भारतीय मजदूर संघ पाथाखेड़ा द्वारा क्षेत्र की सभी भूमिगत खदानों पर द्वारसभा लेकर कामगारों को आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया है।
10 सितंबर तक चलेगी गेट मीटिंग: दूसरे चरण का आंदोलन 7 से 10 सितंबर तक चलेगा। प्रत्येक खदानों पर यूनियन के पदाधिकारी गेट मीटिंग कर कामगारों को जागरूक करेंगे। प्रतिदिन खदानों पर गेट मीटिंग से वेकोलि का उत्पादन प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि प्रत्येक खदानों पर दो-दो घंटे गेट मीटिंग चलती है। दूसरे चरण के आंदोलन के प्रथम दिन तवा-1 खदान पर रणधीर सिंह ठाकुर, अवधेश सिन्हा, निर्दिश सिंह, तवा-2 खदान पर बिजेंद्र सिंह, प्रमोद सिंह, केआर पारखे, सारणी माइन पर सुदामा सिंह, राकेश सिंह, राधेश्याम, शोभापर में विजय मिश्रा, अंशुमान सिंह, प्रकाश नागले, छतरपुर-2 में श्रीकेश पटेल, लक्षमण अधिरक, मनोज तायड़े, जीआर साबले, गणेश चौरे ने कामगारों को संबोधित किया।
संगठन की प्रमुख मांगें- फिक्सड टर्म एम्प्लायमेंट वापस लिया जाए। कमर्शियल माइनिंग के इश्यू पर मंत्रालय स्तर पर हुई वार्ता के निर्णय अनुसार प्रावधान निश्चित करने के लिए कमेटी गठित कमेटी की बैठक में अविलंब कार्रवाई की जाए। कास्ट कट के नाम पर रेवेन्यू बजट में की गई कटौती को अविलंब वापस लिया जाए। कोयला उद्योग में कार्यरत रिटायर कर्मियों को भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय के आदेशानुसार 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी दी जाए। जेबीसीसीआई-10 में तय निर्णय के अनुसार कॅरियर ग्रोथ के संबंध में अविलंब बैठकें कर उचित निर्धारण किया जाए। आश्रितों को रोजगार व भू अर्जन के तहत नौकरी कर्मचारियों को उनके क्वालिफिकेशन के अनुसार पदस्थापन किया जाए। माइनिंग एक्टिविटीज में लगे ठेका मजदूरों के वेतन का पुनरीक्षण किया जाए। सुपर वाइजरों को मिलने वाले चार्ज अलाउंस को ओटी सीलिंग की परिधि से अलग कर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। भूमिगत खदान को बंद करने के प्रस्तावों पर विराम लगाया जाए।

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