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बेतुल

आइसीएच का अपर रेस्ट हाउस पर कब्जा, २५ मजदूर हो गए बेरोजगार

कांग्रेसियों ने चीफ इंजीनियर ऑफिस और इरेक्टर हॉस्टल में किया प्रदर्शनमजदूर १५-२० साल से काम कर रहे थे काम

बेतुलJan 22, 2019 / 11:20 pm

pradeep sahu

आइसीएच का अपर रेस्ट हाउस पर कब्जा, २५ मजदूर हो गए बेरोजगार

आइसीएच का अपर रेस्ट हाउस पर कब्जा, २५ मजदूर हो गए बेरोजगार

सारनी. इंडियन कॉफी हाउस ने मंगलवार सुबह करीब 10 बजे अपर रेस्ट हाउस का अधिकारिक तौर पर कब्जा ले लिया है। वहीं इरेक्टर हॉस्टल और केंटीन पर का प्रकरण लंबित है। आइसीएच द्वारा कब्जा लेने की जानकारी लगते ही कांग्रेसी और बेरोजगार हुए मजदूर सड़क पर उतर आए। अपनी ही सरकार में कांग्रेसियों को सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ा। दरअसल कांग्रेस नेताओं और मजदूरों द्वारा बीते दिनों जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री कमलेश्वर पटेल, पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे को इसी मामले में ज्ञापन सौंपकर चर्चा भी की गई थी। आश्वासन के बाद कांग्रेसी निश्चिंत हो गए थे। लेकिन जब सोमवार को आईसीएच की 7 सदस्यीय टीम सारनी पहुंची और निरीक्षण करने के बाद मंगलवार को अपर रेस्ट हाउस का कब्जा ले लिया तो कांग्रेसी भड़क उठे। मंडलम कार्यालय से 11 बजे कांग्रेस नेताओं ने वाहन रैली निकाली। चीफ इंजीनियर कार्यालय के सामने आइसीएच वापस जाओं के नारे लगाए। मुख्य अभियंता वीके कैलासिया को ज्ञापन सौंपकर इंडियन काफी हाउस का ठेका निरस्त करने की मांग की। इस मौके पर ब्लाक अध्यक्ष भगवान जावरे, मंडलम अध्यक्ष किशोर चौहान, जिला उपाध्यक्ष मो. इलियास, बट्टेश्वर भारती, वसीम खान, राजेश डोईफोड़े, मो. ताहिर, सीएम बेले कांग्रेसी शामिल थे।
यूनियनों से साधा मौन- आइसीएच द्वारा अपर रेस्ट हाउस का कब्जा लेने के बावजूद सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में कार्यरत श्रमिक संगठनें मौन है। किसी भी यूनियन प्रतिनिधियों ने इसका विरोध नहीं किया। जबकि इंडियन कॉफी हाउस को ठेका दिए जाने से कंपनी को करीब दो करोड़ का नुकसान हो रहा है। यह सब जानते हुए भी यूनियन नेताओं ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। वहीं मुख्य अभियंता वीके कैलासिया ने इस मुद्दे पर चार कांग्रेस नेताओं के साथ गोपनीय वार्ता की। करीब 10 मिनट तक चली बैठक में क्या चर्चा हुई। यह तो बैठक में मौजूद नेता और चीफ इंजीनियर ही जानते हैं। लेकिन गोपनीय बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं। अब देखना यह है कि आईसीएच ही अपर रेस्ट हाउस का जिम्मा संभालेगी या ठेका निरस्त होता है। बहरहाल मंगलवार को कांग्रेसियों ने अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल में जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं। आईसीएच के पदाधिकारियों को अपर रेस्ट हाउस से खदेडऩे की बात भी सामने आ रही है।
तीन साल के लिए है ठेका – कैंटिन, अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल का काम आईसीएच को तीन साल के लिए मिला है। 22 जनवरी को अपर रेस्ट हाउस का कब्जा भी ले लिया है। हालांकि 4 फरवरी से काम प्रारंभ करने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि तीन साल में आईसीएच को सतपुड़ा प्रबंधन 50 आवास, 90 लाख रुपए के बर्तन, बिजली, पानी, स्कूल, आवागमन की संपूर्ण सुविधा मुहैया कराने के अलावा 1 करोड़ 40 लाख रुपए भी देगी। इसके अलावा पूरे समय दो वाहन भी उपलब्ध कराएगी। जबकि वर्तमान में तीन साल में यह कार्य बिना किसी सुविधा के 50 लाख रुपए में पूर्ण होता है। इसका सीधा मतलब है कि इससे कंपनी को प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक का नुकसान होगा। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आईसीएच को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
इनका कहना है..
&मजदूरों को बेरोजगार नहीं होने देंगे। चाहे सड़क पर उतरकर संघर्ष ही क्यों न करना पड़े। इस मुद्दे पर मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के एमडी और सतपुड़ा के चीफ इंजीनियर से चर्चा की है। बीओडी में डिसाइड होना बताया है। 2 करोड़ 26 लाख रुपए में आईसीएच द्वारा तीन साल के लिए काम लिया है।
डॉ. योगेश पंडाग्रे, विधायक, आमला
मजदूरों के बेरोजगार होने का दुख हमें भी है। मामला मुख्यालय स्तर का है। ज्ञापन पत्र मुख्यालय को भेज दिया गया है।
वीके कैलासिया, मुख्य अभियंता, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी

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