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बेतुल

भारत बंद: विरोध के बाद बंद करनी पड़ीं दुकानें, घंटी बजाकर कराई स्कूलों की छुट्टी

एससी एसटी एक्ट के विरोध, मुलताई बंद पूरी तरह से रहा सफल

बेतुलSep 07, 2018 / 12:46 pm

pradeep sahu

bharat band

विरोध के बाद बंद करनी पड़ीं दुकानें, घंटी बजाकर कराई स्कूलों की छुट्टी

मुलताई. एससी एसटी एक्ट के विरोध में मुलताई बंद वैसे तो सौ प्रतिशत सफल रहा, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने इस बंद और प्रदर्शनकारियों से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी। प्रदर्शनकारियों जगह-जगह नुक्कड सभाएं भी ली। गुरुवार को सुबह ८ बजे से देर शाम तक बाजार पूरी तरह से बंद रहे। गुरुवार को नगर में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में आसपास के लगभग सौ गांवों के लोग खरीदी करने आते है, लेकिन एक्ट के विरोध में सब्जी बाजार भी विरान था। पूरे बाजार में एक भी सब्जी की दुकान नहीं लगी थी। दोपहर लगभग ३ बजे सभी व्यापारी एवं प्रदर्शनकारी नगर के फव्वारा चौक पर जमा हुए, जहां पर सभी ने अपनी-अपनी बात रखी। इसके बाद तहसील कार्यालय पहुंचे, जहां एसडीएम राजेश शाह को ज्ञापन सौंपा एवं एससीएसटी एक्ट को काला कानून का नाम देते हुए इसे वापस लेने की मांग की गई।
प्रदर्शनकारी और दुकान संचालक में विवाद – बंद के दौरान फव्वारा चौक पर एक जूते-चप्पल की दुकान खोल ली गई थी, इसी के समीप एक और अन्य दुकान खुल गई थी, जिसे प्रदर्शनकारी बंद कराने पहुंचे, लेकिन दुकान संचालक द्वारा दुकान बंद करने से मना किया, इसको लेकर प्रदर्शनकारियों एवं दुकान संचालक में तू-तू-मैं-मैं हो गई, पुलिस ने मामला शांत करवाया, व्यापारियों के आग्रह पर दुकान बंद की।
स्कूलों की करवाई छुट्टी – दोपहर लगभग १ बजे सभी प्रदर्शनकारी नगर के एक्सीलेंस स्कूल, कन्या स्कूल, आंग्ल स्कूल सहित अन्य स्कूलों में पहुंचे और छुट्टी करवा दी, सभी ने स्कूल के प्राचार्य से इस संबंध में आग्रह किया कि आंदोलन में सहयोग करें, आंदोलनकारियों ने स्कूल की घंटी बजा दी और छुट्टी करवा दी। बंद के आह्वान पर नगर के सभी प्राईवेट स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी थी। इधर ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रायवेट स्कूल बंद रहे एवं सरकारी स्कूलों में भी बहुत कम संख्या में बच्चे पहुंचे।
मिलाजुला रहा बंद का असर
सारनी. एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के विरोध में बंद का असर सारनी, पाथाखेड़ा, शोभापुर और बगडोना क्षेत्र में मिलाजुला रहा। यहां किसी भी संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया था। कहीं स्वेच्छा से व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी तो कहीं खुली रही। हालांकि पूरे समय पुलिस चौकन्नी रही। भारत बंद का आह्वान करने वाले किसी भी संगठन ने सारनी क्षेत्र में बंद को सफल बनाने का आह्वान नहीं किया था। हालांकि पुलिस प्रशासन द्वारा एक दिन पहले ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए थे। सप्ताह में गुरुवार को पाथाखेड़ा क्षेत्र के पहले से ही बाजार बंद रहता है।
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