भूमि के रिकार्ड में सेवा भूमि भी दर्ज नहीं कराया है। कोटवार को मिली यह सेवा भूमि अब उसके द्वारा बेची जा रही है। जिसका सौदा भी १ करोड़ ५५ लाख रुपए में किया है। जमीन अशीष मालवीय टिकारी को बेची जा रही है। सौ रुपए के स्टाम्प पर जमीन की लिखा-पढ़ी 10 नवंबर 2017 को की गई है। बयाने में कोटवार को एक लाख रुपए दिए गए हैं। 15 लाख रुपए की राशि 30 दिसंबर 2017 तक दी जाएगी। बाकी की राशि रजिस्ट्री के समय 30 दिसंबर 2018 को दी जाएगी। शिकायत में राठौर ने बताया कि जमीन के रिकॉर्ड में सेवा भूमि नहीं लिखा होने से इसकी रजिस्ट्री हो सकती है। उन्होंने बताया कि बेची जा रही जमीन के पुराने रिकॉर्ड निकाले जाए तो पूरी हकीकत सामने आ जाएगी। उन्होंने ने कलेक्टर से शिकायत कर मामले की जांच कर सेवा भूमि के रिकॉर्ड में हेराफेरी कर इसे बेचने वाले पर कार्रवाई की मांग की है। जिस जमीन को कोटवार द्वारा बेचा जा रहा है। इस पर शिकायतकर्ता का पिछले लगभग 15 वर्षों से कब्जा है।
सेवा भूमि के रिकॉर्ड मेें हेराफेरी कर इसे बेचा जा रहा है तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। पुराने रिकार्ड में देखा जाएगा जमीन किसके नाम से दर्ज है।
संजीव पांडे, एसडीएम, बैतूल