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चार महीने की जुड़वा बच्चियों को छोड़कर भागी कलयुगी मां, पिता काट रहा है जेल में सजा

locationबेतुलPublished: Jul 19, 2020 07:28:14 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

मां की याद में दोनों बेटियों का रो-रोकर हो रहा बुरा हाल, बूढ़ी दादी कर रही जैसे तैसे परवरिश, मदद के लिए आगे आए सामाजिक संगठन और अधिकारी…

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बैतूल. चार महीने की दूधमुंही जुड़वां बच्चियों के अनाथों की तरह परिजनों के साथ रहने का मामला बैतूल जिले के आठनेर ब्लाक के हिवरा गांव का है। जहां रहने वाली बुजुर्ग आदिवासी जमनी बाई किसी तरह अब इन दोनों बच्चियों की देखभाल कर रही हैं। मासूम बच्चियों की मां करीब एक महीने पहले उन्हें छोड़कर कहीं चली गई है और पिता पहले से ही जेल में है जिसके कारण बुजुर्ग दादी जगनी बाई ही अब जैसे तैसे कर इनकी देखभाल कर रही है लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिसे देखकर अब सामाजिक संगठन और परियोजना अधिकारी उनकी मदद के लिए आगे आए हैं।

 

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महाराष्ट्र जेल में बंद है बच्चियों का पिता
बुजुर्ग जमनी बाई बताती हैं कि उनका बेटा मेहनत मजदूरी करने के लिए महाराष्ट्र के अमरावती गया था और वहीं पर शादी कर ली और वहीं पर जुड़वा बच्चियों का जन्म हुआ। बेटियों के जन्म के कुछ दिन बाद ही किसी मामले में पुलिस ने बेटे को पकड़कर अमरावती जेल में बंद कर दिया। जिसे छुड़ाने के लिए मेरे पास कोई काजात और रुपए नहीं है। बच्चियों को लेकर बहु घर आई और अब मासूमों को छोड़कर वह भी कहीं चली गई है। दिनों दिन बच्चियों की हालत बिगड़ती जा रही है। उनकी परवरिश कैसे करूं दूध और जरुरी सामान खरीदने के लिए भी मेरे पास पैसे नहीं रहते हैं।

मदद के लिए बढ़े हाथ
मासूम दूधमुंही जुड़वां बच्चियों और बुजुर्ग दादी की परिस्थितियों के बारे में पता चलते ही गांव के लोगों ने उनकी मदद करनी शुरु की। बात ग्राम पंचायत की ओर से भी कुछ इंतजाम इनके लिए जा रहे है। जानकारी मिलने पर महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी नेहा यादव ने भी गांव पहुंचकर बच्चियों के लालन पालन और स्वास्थ्य संबंधित जानकारी लेकर विभाग के द्वारा सहयोग देने का आश्वासन परिजनों को दिया है और आंगनबाडी कार्यकर्ता को देखभाल के निर्देश दिए हैं। बच्चियों के लालनपालन हेतु विभाग की हास्टल केयर योजना से राशि उपलब्ध कराई जायेगी। दोनों बच्चियों के लिये दो दो हजार रुपये की राशि प्रति माह लालनपालन के लिए उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे है।

जनपद अध्यक्ष भी मदद के लिए आगे आए
बच्चियों के बारे में जानकारी लगते ही आठनेर जनपद अध्यक्ष राम चरण इरपाचे द्वारा भी इनकी परवरिश का खर्चा उठाने की बात कही है । दोनों दूधमुंही जुड़वा बेटियों की बूढ़ी दादी के लिए भी ग्रामीणों द्वारा खाने-पीने और आर्थिक इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिवरा गांव की बेसहारा जुड़वा बेटियों के मामले में गोंडवाना आदिवासी समाज परिवार के साथ है और मैं स्वयं दोनों बेटियों का खर्च उठाने और लालन-पालन की जिम्मेदारी लूंगा ।

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