यह मिली सजा
सरकारी वकील भोजराज सिंह रघुवंशी ने बताया कि 5 मई 2018 को पसतलई निवासी आरोपी ज्योति बाई पति प्रकाश सोनारे उम्र 30 साल के छोटे बेटे विवेक उम्र 9 साल को उल्टियां होने लगी। विवेक का पिता प्रकाश ग्राम सोमलापुर काम पर गया था, जब उसे पता चला तो वह आया और बच्चे को अस्पताल ले गया, जहां उपचार के लिए दौरान बच्चे की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आया कि बच्चे को जहरीला पदार्थ पिलाया गया था। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच कर मां के खिलाफ केस दर्ज किया गया। आरोपी ज्योति के बड़े बेटे शैलेंद्र उम्र 12 साल द्वारा न्यायालय के समक्ष गवाही दी गई कि उसकी मां ज्योति द्वारा विवेक को जहर घोलकर पिलाया गया था।
न्यायालय ने ज्योति हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास से दंडित किया है। न्यायालय ने प्रकरण में टिप्पणी दी है कि आरोपी मृतक की मां है, निश्चित रूप से कोई भी मां इतनी निर्दयी नहीं होती है, जो अपने ही पुत्र को विष पिलाकर उसकी हत्या कर दे। जन्म देने वाली मां का अपने पुत्र को लेकर यह अरमान होता है कि वह अपने पुत्र का लालन-पालन करें और यदि बच्चा मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है तो बच्चे से माता पिता का ज्यादा लगाव होता है,माता-पिता उसकी सेवा करते हैं। इसलिए यह अपराध गंभीर है।