लिफ्ट ऐरिगेशन से होगा किसानों को फायदा- बांध में क्योंकि अभी नहर का निर्माण नहीं हो पाया है, ऐसे में बांध बनने और जल भराव होने से किसानों को गेहंू की फसल के लिए पानी मिल पाएगा, किसान मोटर पंप के माध्यम से पानी लेकर सिंचाई कर पाएंगे। अग्रवाल ने बताया कि मुलताई, पट्टन एवं आठनेर के अंतर्गत 9990 हेक्टेयर कृषि भूमि में रबी की सिंचाई होगी, वहीं 3350 हेक्टेयर कृषि भूमि में खरीफ सिंचाई होगी। वहीं कुल वार्षिक 13340 हेक्टयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध रहेगी।