पढि़ए, दिल में छेद लेकर घूम रहे गौरांश की कहानी
रायपुर के चिकित्सकों द्वारा गौरांश के हार्ट का ऑपरेशन किया गया। गौरांश 8 दिन अस्पताल में भर्ती रहा गौरांश को नया जीवन मिला
बैतूल। गौरांश पिता किशोर डोंगरे आयु 1 वर्ष 2 माह ग्राम महिलावाड़ी का निवासी है गौरांश के पिता रेल्वे में ग्राम हथनापुर तहसील मुलताई जिला बैतूल में ट्रेक मेन के पद पर नौकरी करते हैं एवं मां सोनल डोंगरे गृहणी है। गौरांश का जन्म 22 जुलाई 2016 को सीजेरियन ऑपरेशन द्वारा जिला चिकित्सालय बैतूल में हुआ। जन्म के पश्चात् दो दिनों तक मां एवं बच्चा दोनों स्वस्थ रहे, परन्तु दो दिनों पश्चात् अचानक गौरांश ने मां का दूध पीना बन्द कर दिया एवं उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। चिकित्सकों द्वारा गौरांश को आस्था चिल्ड्रन हॉस्पिटल नागपुर रैफर कर दिया गया, वहां पर डॉ. प्रवीण खापेकर द्वारा जांच करने के पश्चात् बताया गया कि गौरांश के दिल में छेद है एवं बच्चे के दिमाग में ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही है इसलिए बच्चे के मस्तिष्क में भी कुछ समस्या है। इसके पश्चात् एम.आर.आई. जांच की गई। जांच में पाया गया कि बच्चे का मस्तिष्क बिलकुल ठीक है, उसे आठ दिन भर्ती कर उपचार दिया गया। गौरांश ठीक हो गया, परंतु कुछ समय पश्चात गौरांश को अचानक सर्दी, खांसी, बुखार आया एवं उसके पूरे शरीर में सूजन आ गई। इसके पश्चात् शिशु रोग विशेषज्ञ बैतूल डॉ. एम. एलेक्जेण्डर को दिखाया गया। उन्होंने कहा कि अतिशीघ्र बच्चे के हार्ट का ऑपरेशन कराने की सलाह दी। बहुत से हॉस्पिटल में दिखाने पर ऑपरेशन में करीब पांच लाख का खर्च बताया गया। परिवार के सभी सदस्य परेशान हो गए क्योंकि अभी तक गौरांश का इलाज करवाते हुए पैसे सभी खत्म हो गए थे, आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि इतना अधिक पैसा लगाकर गौरांश का हृदय का ऑपरेशन करवाया जा सके । ऐसे में पूरा परिवार निराश हो गया कि बच्चे का जीवन बचा पाना बहुत कठिन है।
गौरांश की नानी मीना पंवार ने सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मोजेस को गौरांश के हार्ट के ऑपरेशन बाबत् जानकारी दी एवं सहयोग के लिए निवेदन किया। सीएमएचओ ने बीएमओ डॉ. रजनीश शर्मा से चर्चा की। डॉ. शर्मा ने रायपुर छत्तीसगढ़ में सत्यसांईं संजीवनी हास्पिटल में नि:शुल्क हार्ट ऑपरेशन होने की जानकारी दी। गौरांश को 23 जनवरी 2017 को रायपुर में श्री सत्य सांई संजीवनी हॉस्पिटल में लेकर गए। रायपुर के चिकित्सकों द्वारा तुरंत दूसरे दिन 24 जनवरी 2017 को गौरांश के हार्ट का ऑपरेशन किया गया। गौरांश 8 दिन अस्पताल में भर्ती रहा एवं धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्य में सुधार होता गया। इस कार्य में पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रकाश माकोड़े ने भी अपना सहयोग दिया। माकोड़े बच्चे के माता-पिता के साथ बच्चे को लेकर रायपुर गए एवं ऑपरेशन के पश्चात् तक रायपुर में एक सप्ताह तक रहकर बच्चे की देखभाल एवं परिजनों की हिम्मत बढ़ाने में पूरा सहयोग दिया। इस प्रकार गौरांश को नया जीवन मिला एवं सभी के अथक प्रयासों एवं सहयोग से आज गौरांश स्वस्थ जीवन मुस्कान के साथ जी रहा है।
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