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बेतुल

पढि़ए ऐसा क्या हुआ कि रेलवे का वाणिज्य कक्ष अखाड़ा बन गया

रेलवे स्टेशन बैतूल में पुरुष एवं महिला कर्मचारी के बीच का विवाद यूनियन की दखलअंदाजी से अखाड़े में तब्दील हो गया है

बेतुलOct 08, 2017 / 09:12 pm

Devendra Karande

demonstration

Warned of demonstration at railway station

बैतूल। रेलवे स्टेशन बैतूल में पुरुष एवं महिला कर्मचारी के बीच चला आ रहा विवाद यूनियन की दखलअंदाजी से अखाड़े में तब्दील हो गया है। विवाद के चलते सबसे ज्यादा परेशानी सफर करने वाले यात्रियों को उठाना पड़ रही है। वहीं रेलवे की साख पर भी इससे बट्टा बैठ रहा है। दोनों की कर्मचारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं और अपने आपको सही साबित करने में लगे हुए हंै। चूंकि विवाद महिला कर्मचारी से जुड़ा है और मानसिक प्रताडऩा के आरोप लगाए जा रहे हैं ऐसे में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मामले में कार्रवाई से हाथ खड़े कर रखे हैं।जिसके कारण मामला तूल पकड़ रहा है।
मजदूर यूनियन महिला कर्मचारी के पक्ष में आया
बैतूल रेलवे स्टेशन पर पदस्थ एक महिला कर्मचारी ने वाणिज्य पर्यवेक्षक पर तानाशाही एवं मनमानी किए जाने का आरोप लगाया है। हालांकि दोनों के बीच विवाद पहले से चला आ रहा है लेकिन नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन द्वारा महिला कर्मचारी के पक्ष में उतर जाने के बाद मामला अब तूल पकड़ रहा है। यूनियन द्वारा जारी किए गए पत्र में बताया गया कि वाणिज्य पर्यवेक्षक कर्मचारियों की झूठी शिकायत कर प्रताडि़त एवं दंडित कर रहे हैं। रेलवे नियमों की अनदेखी कर तानाशाही एवं मनमानीपूर्वक कार्य करवाया जाता है। यूनियन ९ अक्टूबर को सुबह १० बजे स्टेशन परिसर पर इसका तगड़ा विरोध प्रदर्शन करेगी।
पर्यवेक्षक ने कहा जबदस्ती बना रहे दबाव
रेलवे के वाणिज्य पर्यवेक्षक ने पूरे मामले को लेकर यूनियन द्वारा दबाव की राजनीति किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि महिला कर्मचारी नियमित रूप से ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होती है और बगैर बताए छुट्टी पर चली जाती है। जिसकी वजह से व्यवस्थाओं के संचालन में आए दिन दिक्कतें आती है। इसका विरोध किए जाने पर उनके द्वारा मानसिक प्रताडऩा के आरोप लगाए जा रहे हैं।चूंकि काम रेलवे का है और मुझ पर व्यवस्थाओं के संचालन क ी जिम्मेदारी है। इसलिए पूछताछ मेरे से होती है। मैंने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस मामले से अवगत करा चुका है। उनके द्वारा कार्रवाई के लिए कहा जाता है अब ऐसे में यदि मैं कोई कार्रवाई करता हूं तो विरोध करना और आरोप लगाया जाना कितना उचित है।
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