scriptपढ़े, वाणिज्यकर विभाग क्यों खंगाल रहा बोगस कंपनियों का रिकॉर्ड | Record of bogus companies explaining why commerce department | Patrika News
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पढ़े, वाणिज्यकर विभाग क्यों खंगाल रहा बोगस कंपनियों का रिकॉर्ड

जीएसटी में पंजीयन लेकर बोगस कंपनियां चलाने वाले और फर्जी बिल जारी करने वालों के खिलाफ वाणिज्यकर विभाग ने अभियान छेड़ दिया है। विभाग द्वारा जिले में ऐसी ३० से ४० कंपनियों (फर्म)की जांच की गई है जो बोगस हैं।

बेतुलAug 06, 2019 / 09:27 pm

Devendra Karande

बैतूल। जीएसटी में पंजीयन लेकर बोगस कंपनियां चलाने वाले और फर्जी बिल जारी करने वालों के खिलाफ वाणिज्यकर विभाग ने अभियान छेड़ दिया है। विभाग द्वारा जिले में ऐसी ३० से ४० कंपनियों (फर्म)की जांच की गई है जो बोगस हैं। अब इन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन एवं रिटर्न की जांच की जा रही है। तीन बोगस कंपनियों के खिलाफ जीएसटी की धारा ६७ के तहत आईटीसी ब्लाक एवं पंजीयन निरस्तीकरण की कार्रवाई भी चल रही है। जांच में दो कंपनियां मौके पर नहीं पाई गई जबकि एक कंपनी से ९८ जार रुपए की टैक्स राशि जमा कराई गई है। विभाग का कहना है कि बोगस कंपनियों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि जिले में डोर-टू-डोर सर्वे का काम चल रहा है।
सर्वे में ४० कंपनियां फर्जी पाई गई
बैतूल में वाणिज्यकर विभाग द्वारा ३० से ४० कंपनियों की जांच की जा चुकी हैं जो फर्जी पाई गई है। अब विरूद्ध खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि किसी भी व्यापारी ने रिटर्न नहीं भरा था। सिर्फ जीएसटी में पंजीयन लेकर फर्म एवं कंपनियों का संचालन कर रहे थे। जिन कंपनियों के विरूद्ध जांच चल रही है उनके द्वारा फर्जी किरायनामा लगाकर व्यवसाय को दर्शाया गया था। कंपनियों द्वारा फर्जी ऋण एग्रीमेंट, फर्जी फर्म कर टैक्स चोरी का फर्जीवाड़ा किया गया है। वाणिज्यकर विभाग द्वारा अभी तक तीन कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। जिसमें से दो कंपनियां मौके पर नहीं पाई गई है। जबकि एक कंपनी से ९८ हजार रुपए की टैक्स राशि जमा कराई गई है।
कंपनियों ने रजिस्टे्रशन लिया पर रिर्टन नहीं भरा
देश में जीएसटी व्यवस्था जब लागू हुई थी उस समय कई व्यापारियों ने वाणिज्यकर विभाग से पंजीयन ले लिया था। ऐसे पंजीयनों की संख्या जिले में ३ हजार ५०० के लगभग बताई जाती है। पंजीयन लेने के बाद फर्म एवं कंपनियों का संचालन भी जारी रखा लेकिन उन्होंने रिटर्न फाइल नहीं किया। विभाग ने जब इस तरह के कारोबारियों की जानकारी निकाली तो पता चला कि जिले में ऐसी कई कंपनियां रजिस्टर्ड हैं लेकिन रिटर्न जमा नहीं हो पा रहा है। फर्जी किरायानामा एवं ऋण एग्रीमेंट किए जाने से भी यह कंपनियां शंका के दायरे में आ गई। इसलिए ऐसी बोगस कंपनियों के विरूद्ध प्रदेश स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
डोर-टू-डोर कराया जा रहा सर्वे
जिले में वाणिज्यकर विभाग के पंजीयनकर्ताओं की संख्या पहले ४ हजार के लगभग हुआ करती थी। जीएसटी लागू होने के बाद ३ हजार ५०० नए पंजीयन रजिस्टर्ड हुए। इस प्रकार जिले में पंजीयनकर्ताओं की कुल संख्या ७ हजार ५०० हो गई हैं। जीएसटी में नए पंजीयन होने के बाद ही बोगस कंपनियों की जिले में बाढ़ आ गई। हाल ही में इंदौर स्थित वाणिज्यकर विभाग के मुख्यालय में हुई बैठक में अधिकारियों को बोगस कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई के दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। जिसके बाद बैतूल में डोर-टू-डोर अभियान चलाया जाकर नए जीएसटी पंजीयनकर्ताओं के नाम-पतों की तलाश कर भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। पंजीयनकर्ता की कारोबार बोगस पाए जाने पर जीएसटी की धारा ६७ के तहत कार्रवाई की जा रही है।
इनका कहना
– बोगस कंपनी बनाकर बिल जारी करने वालों के खिलाफ जांच शुरू हुई है। दोषी पाए जाने पर पंजीयन निरस्त कर बिलों के आधार पर टैक्स वसूली की कार्रवाई की जाएगी।जिले में ३० से ४० डीलरों की पहचान की गई है जिन्होंने फर्जीवाड़ा किया है।
– युवराज पाटीदार, वाणिज्यकर अधिकारी बैतूल।
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