तुलसी विवाह में कार्ड बांटने से लेकर बारात और भोजन तक होती है पूरी रस्म
भगवान के शयन से उठने के बाद देवउठनी ग्यारस से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। यह शुभ मूहूर्त माना जाता है। इसके बाद से विवाह के कार्यक्रम भी शुरू हो जाते हैं। देवउठनी ग्यारस पर लोग घरों में तुलसी और सालिगराम का विवाह पूजन बेर, भाजी औैर आंवले के साथ करते हैं,लेकिन यहीं परंपरा जिले के ग्राम भौंरा में असल में निभाई जाती है।
Radhakrishna temple of Bhanura will be Tulsi wedding here
भौंरा। भगवान के शयन से उठने के बाद देवउठनी ग्यारस से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। यह शुभ मूहूर्त माना जाता है। इसके बाद से विवाह के कार्यक्रम भी शुरू हो जाते हैं। देवउठनी ग्यारस पर लोग घरों में तुलसी और सालिगराम का विवाह पूजन बेर, भाजी औैर आंवले के साथ करते हैं,लेकिन यहीं परंपरा जिले के ग्राम भौंरा में असल में निभाई जाती है। विवाह के दौरान कार्ड बांटने से लेकर बारात,भोजन आदि की पूरी परंपरा का निर्वाह किया जाता है। गांव में यह विवाद देखते ही बनता है। गांव के सभी लोग इसमें शामिल होते हैं। विवाह की परंपरा की शुरुआत गांव के ही महिला मंडल ने वर्ष २००७ में शुरू की थी। तब से यह परंपरा लगातार चली आ रही है।
महिला मंडल भौंरा द्वारा इस वर्ष भी राधाकृष्ण मंदिर में तुलसी संग सालिगराम का विवाह का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन 25 नवंबर कार्तिक शुक्ल एकादशी को सुबह 10 बजे से विवाह की रस्म शुरू होगी। सबसे पहले गणेश पूजन होगा। इसके बाद खेड़ापति मंदिर में मातृपूजन के लिए महिला मंडल की महिलाएं तुलसी को लेकर जाएंगी। वहां से आने के बाद विवाह स्थल राधाकृष्ण मंदिर में मंडप छादन कार्यक्रम होगा। दूसरे दिन 26 नवंबर कार्तिक शुक्ल द्वादशी को दोपहर 12 बजे से विवाह की रस्म शुरू होगी। पहले वर जगत पिता सालिगराम की बारात निकाली जाएगी जो कि राधाकृष्ण मंदिर से प्रारंभ होकर मु य मार्गों से होती वापस विवाह स्थल पर आएगी। बारात में गांव के लोग शामिल होते हैं। मंदिर में विवाह की रस्में पूरी होगी। तुलसी संग सालिगराम के विवाह में आमंत्रित करने लिए महिला मंडल ने सोमवार के दिन पूरे नगर में निमंत्रण पत्र भी बंटवाए हैं।
करोना गाइड लाइन का किया जाएगा पालन
राधाकृष्ण मंदिर के पंडित ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी कार्यक्रम सोशल डिस्टेंस को रख कर आयोजित किए जाएंगे। माता पूजन के लिए जाने वाली महिला मंडल की महिलाएं मास्क लगा कर मंदिर जाएंगी। ज्ञात हो कि महिला मंडल द्वारा राधाकृष्ण मंदिर में लगातार प्रतिवर्ष सन 2007 से तुलसी का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है।
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