मौजूदा हाल में 20 लाख रुपए सालाना खर्च पर काम चल रहा है। लेकिन जब यही कार्य आईसीएच द्वारा पूर्ण किया जाएगा तो एक करोड़ रुपए खर्च होंगे। दरअसल इंडियन कॉफी हाउस को संपूर्ण सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की होगी। ऐसे में कंपनी को नुकसान तो होगा ही दो दर्जन मजदूर भी बेरोजगार हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन दोनों स्थानों पर कार्यरत मजदूर मामूली वेतन पर वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। रोजगार छिनने की प्रक्रिया चलने से मजदूरों में मायूषी छा गई है
इंडियन कॉफी हाउस को अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल का काम तीन साल के लिए मिला है। बताया जा रहा है कि तीन माह पहले मुख्यालय से प्रपोजल आया था। जिसमें दोनों स्थानों की संपूर्ण जानकारी मांगी गई थी। संबंधित विभाग द्वारा यह जानकारी मुख्यालय को उपलब्ध कराई। इसके बाद मुख्यालय से ही बिना किसी सर्वे आईसीएच को काम दे दिया गया। 20 जनवरी को जिम्मेदारी भी संभालने की प्रक्रिया चल रही है। तीन साल में आईसीएच को सतपुड़ा प्रबंधन 50 आवास, बिजली, पानी, स्कूल, आवागमन की संपूर्ण सुविधा मुहैया कराने के अलावा 1 करोड़ 40 लाख रुपए भी देगी। पूरे समय दो वाहन, 90 लाख रुपए के बर्तन भी उपलब्ध कराएगी। जबकि वर्तमान में तीन साल में यह कार्य महज बिना किसी सुविधा के 50 लाख रुपए में पूर्ण होता है। इसका सीधा मतलब है कि इससे कंपनी को प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक का नुकसान वहन करना पड़ेगा। बावजूद इसके गलत नीति बनाकर मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी में लागू की जा रही है।