इस आधार पर लगाई रोक
खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइन 2016 तथा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग नागपुर द्वारा निर्धारित मानसून अवधि के अनुसार जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (DEIAA) बैतूल की 23 जून को आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार जिले से प्रवाहित समस्त नदियों से रेत खनन रोक लग जाएगी। इस दौरान अगर कोई भी व्यक्ति नदियों से रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण करते पाया जाएगा तो उसपर कानूनी कार्रवाई होगी।
टीम गठित कर होगी जांच
इस फैसले को प्रभावी रूप से नियंत्रण रखने के लिए तहसील में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी की अध्यक्षता में समितियां भी बना दी गई हैं, जिसमें तहसीलदार, वनक्षेत्रपाल तथा खनि निरीक्षक अपने-अपने अमलों के साथ पुलिस विभाग का सहयोग लेते हुए प्रभावी कार्रवाई कर सकेंगे। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अवेधरूप से उत्खननकरते पाया गया, तो उसपर प्रभावी रूप से कार्रवाई होगी, जिसमें उसपर दंडस्वरूप जुर्माना और सज़ा का प्रावधान है।
खनन पर रोक का कारण
प्रशासन और मौसम विभाग द्वारा लगाई गई रोक का भी एक कारण है, जो काफी महत्वपूर्ण है। पहली बात तो यह कि, प्रदेश के कई इलाके जल संकट की मार झेल रहे हैं, बेतूल जिला भी उन्हीं में से एक है। पक्के मकान और कांक्रीट से बने पक्के रोड वैसे ही ज़मीन का जल स्तर बढ़ने नही देते। बचा कुछा स्त्रोत नदियां ही हैं, जिनके माध्यम से ज़मीन का जलस्तर बढ़ता है। बारिश के दौरान जब नदिया भरती हैं, तो उनकी रेत बेहते पानी को सोखती चलती है, जिस कारण ज़मीन के पानी का जल स्तर बढ़ता है। वहीं, अगर उस रेत को निकाल लिया जाएगा तो सारा पानी ज़मीन की सतह से बह कर निकल जाएगा और ज़मीन की पूर्ति नहीं हो सकेगी।