पढ़े, बार्डर पर सैनिकों को मिले भाई-बहन तो भर आई आंखे
भारत बांग्लादेश सीमा अकुरा एवं बीएसएफ हेडक्वार्टर गोकुल नगर में देश की आजादी की 73 वी वर्षगांठ और भाई बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन हर्ष उल्लास के साथ मनाया।
बैतूल। भारत बांग्लादेश सीमा अकुरा एवं बीएसएफ हेडक्वार्टर गोकुल नगर में देश की आजादी की 73 वी वर्षगांठ और भाई बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन हर्ष उल्लास के साथ मनाया। इसके लिए बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति का दल बार्डर पर पहुंचा। दल में शामिल बहनों ने भारत-बांग्लादेश अंतराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सैकड़ों सैनिक भाई-बहनों को राखी बांधी। इस दौरान कई सैनिकों की आंखें परिवार को याद कर नम हो गई। बार्डर पर देश की सुरक्षा में तैनात कुछ ऐसे भी सैनिक थे जिनकी कोई बहन नहीं थी उन्हें बहनें मिली तो कुछ बहनों को भाई मिला। मंगलवार रात में यह दल वापस लौटा,जिसका सभी ने जोरदार स्वागत किया।
समिति की गौरी बालापूरे ने बताया कि सैनिकों को राखी बांधते समय बैतूल से पहुंची बहनों की आंखे भर आई। वही सैनिकों की आंखों में भी आंसू भर आए। उन्होंने बताया कि समिति अपने राष्ट्र रक्षा मिशन के तहत कारगिल युद्ध के बाद से लगातार देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर पहुंचकर यहां तैनात सैनिकों की सूनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती आ रही है। सरहद पर रक्षा बंधन का पर्व मनाकर मंगलवार की दरम्यिानी रात 30 सदस्यीय दल की बैतूल वापसी हुई। रेलवे स्टेशन पर बैतूल वासियों ने गाजे-बाजे एवं भारत माता के जयकारों के साथ सरहद पर रक्षाबंधन मनाने वाली बहनों का स्वागत किया। बार्डर पर सैनिकों का राखी बांधने अन्य लोगों ने भी सहयोग किया।
बार्डर पर पूर्वी ने दी वंदे मारतम् गीत की प्रस्तुति
बार्डर पर रक्षाबंधन मनाने के पहले आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में नन्ही सदस्य पूर्वी वागद्रे ने वंदे मातरम की प्रस्तुति दी। इस दौरान समिति अध्यक्ष गौरी पदम, सचिव भारत पदम, सह सचिव भारती झरबड़े, ईश्वर सोनी, सदस्य सुमित नागले एवं रजत यादव ने डीआईजी आरआर रंजन एवं डीसीएम गोपाल कृष्ण का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। डीआईजी श्री रंजन द्वारा राष्ट्र रक्षा मिशन के कारगिल युद्ध के बाद लगातार सरहद पर रक्षा बंधन मनाकर सैनिकों की हौसला अफजाई करने के लिए मुक्त कंठ से सराहना की।
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