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बेतुल

सतपुड़ा पॉवर प्लांट में बड़ा हादसा

सात नंबर यूनिट के बॉयलर शूट फ्लोर में लीकेज अटेंड करने गए तीन ठेका मजदूर झुलसे, एक की हालत गंभीर

बेतुलDec 21, 2018 / 12:52 pm

rakesh malviya

bda hadsa

सात नंबर यूनिट के बॉयलर शूट फ्लोर में लीकेज अटेंड करने गए तीन ठेका मजदूर झुलसे, एक की हालत गंभीर

सारनी. सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे हादसा होने से यूनाइटेड इंजीनियरिंग कंपनी के तीन मजदूर झुलस गए हैं। उपचार के बाद दो की हालत में सुधार आया है। जबकि एक की हालत गंभीर बनी है। देर शाम तक बोलने की स्थिति में नहीं होने के चलते पुलिस भी बयान दर्ज नहीं कर सकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बॉयलर के शूट फ्लोर में लीकेज अटेंड करने पांच मजदूर गए थे। लीकेज अटेंड करने का कार्य चल ही रहा था कि बॉयलर बेक मारने से वाइब्रेशन हुआ और गर्म राख भरभराकर मजदूरों के ऊपर गिर गई। मौके पर मौजूद दो मजदूर अपनी सूझबूझ के चलते हादसे का शिकार होने से बच गए। जबकि पाथाखेड़ा के वार्ड नंबर 29 निवासी कलाचंद दास, वार्ड नंबर 13 के दिलीप सामरे और वार्ड नंबर 4 ओल्ड-एफ के शंकर राणे चपेट में आने से झुलस गए। शंकर पर राख गिरते ही वह शूट फ्लोर से करीब चार मीटर नीचे गिर गया। जिससे उसके सीने और मुंह पर चोट पहुंची है। यही वजह है कि शंकर की हालत नाजुक बनी है। पॉवर हाउस दो में हादसे के बाद हडक़ंप मच गया। संबंधित विभाग के आलाअफसर मौके पर पहुंचे और तत्काल तीनों घायलों को मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अस्पताल में भर्ती कराया। वेल्डर शंकर के सिर, मुंह और छाती पर चोट होने के चलते उसे श्वास लेने में काफी दिक्कतें आ रही थी। प्राथमिक उपचार के बाद शंकर को ऑक्सीजन लगाकर पाढर रेफर किया गया। वहीं दिलीप और कलाचंद को भी पाढर रेफर किया गया है। वहीं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के चीफ इंजीनियर वीके कैलासिया ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं
बॉयलर फटने की थी अफवाह
हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी सारनी के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे। जांच करते इससे पहले ही शहर में अफवाह फैल गई कि हादसा बॉयलर फटने से हुआ है। जबकि बायलर नहीं। बल्कि प्रेशर के साथ स्टीम निकली थी। अधिकारियों ने बताया कि यह सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन, लापरवाही यह है कि जहां श्रमिक काम कर रहे थे। वहां का परमिट लेने के बाद भी ऐसा क्यों हुआ। इससे कार्य कराने वाली यूनाइटेड इंजीनियरिंग कंपनी की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि कार्य के दौरान स्टीम लाइन को बंद रखा जाना चाहिए था। हादसे में श्रमिक स्टीम से कम और गर्म राख व बायलर पाइपों की चपेट में आने से ज्यादा झुलसे हैं
सुरक्षा उपकरणों का अभाव
सतपुड़ा ताप गृह में कार्यरत श्रमिक संगठनों द्वारा बार-बार सुरक्षा संसाधनों की कमी को लेकर मोर्चा खोला जाता है। बावजूद इसके प्रबंधन और ठेका कंपनी द्वारा मजदूरों को सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराया जाता। यदि सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन सुरक्षा को चाक, चौबंद रखता तो ऐसे हादसे नहीं होते। गौर करने वाली बात यह है एक पखवाड़े पूर्व ही यहां सुरक्षा सप्ताह मनाया गया था। इसमें सुरक्षित रहने, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने जैसी बड़ी-बड़ी बातें की गई थी। लेकिन यह हादसा बताता है उस समय केवल औपचारिकता पूरी की गई थी। जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन होता और सुरक्षा नियम लागू होते तो हादसा नहीं होता। ऐसे मामलों में जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए
घायलों से मिलने पहुंचे
पॉवर हाउस में हादसे की सूचना मिलते ही पाढर अस्पताल पहुंचकर पूर्व संसदीय सचिव रामजीलाल उईके समेत सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के अधिकारियों ने घायलों की हालत की जानकारी ली। वहीं वार्ड नंबर 13 के पूर्व पार्षद रूपलाल बेलवंशी भी घायलों को देखने अस्पताल पहुंचे। दरअसल इनके वार्ड का भी एक ठेका मजदूर घायल है। घायलों से मुलाकात करने श्रम संगठन के पदाधिकारी भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। पाढर पुलिस के प्रधान आरक्षक ज्ञान सिंह टेकाम ने घायलों के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि शंकर बोलने की स्थिति में नहीं है। इस वजह से उनके बयान नहीं लिए गए हैं
इनका कहना
परमिट लेकर पीएच-टू के बॉयलर शूट फ्लोर में काम चल रहा था। अचानक बॉयलर बेक होने से वाइब्रेट होकर गर्म राख गिरने से कलाचंद दास, शंकर राणे और दिलीप सामरे झुलस गए हैं। तीनों घायल यूनाइटेड इंजीनियरिंग कंपनी के मजदूर है। उपचार के लिए तीनों को पाढर रेफर किया गया है।
अमित बंसोड़, चीफ सेफ्टी ऑफिसर, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी।

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